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भारत का बार-बार अपमान कर रहे ट्रंप, चुप क्यों हैं PM मोदी-जयशंकर? USAID मुद्दे पर कांग्रेस का सवाल

  • USAID issue: USAID की तरफ से भारत को 21 मिलियन भेजे जाने के ट्रंप के दावे पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस ने कहा कि ट्रंप और मस्क बार-बार भारत का अपमान कर रहे हैं लेकिन पीएम मोदी और विदेश मंत्री इस पर चुप हैं। उन्हें इसका जवाब देना होगा।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानSun, 23 Feb 2025 07:51 PM
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भारत का बार-बार अपमान कर रहे ट्रंप, चुप क्यों हैं PM मोदी-जयशंकर? USAID मुद्दे पर कांग्रेस का सवाल

अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा बार-बार यूएसएड का मुद्दा उठाकर भारत का नाम लिए जाने पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं। विवाद के बीच कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका से फर्जी खबरें फैलाकर देश को बदनाम कर रही है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री जयशंकर को घेरते हुए कहा कि एलन मस्क और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप लगातार देश का अपमान कर रहे हैं, पीएम और विदेश मंत्री इस पर चुप क्यों हैं। कांग्रेस की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को भाजपा की तरफ से खारिज कर दिया गया है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी बात रखते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा, "भाजपा झूठों और अनपढ़ों की बारात है। जिस 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर पर भाजपाई और समर्थक उछल रहे थे, वो खबर तो फर्जी निकली। वर्ष 2022 में 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर, भारत में ‘मतदान प्रतिशत बढ़ाने’ के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए थे।’’

रमेश ने आरोप लगाया, 'एलन मस्क ने फर्जी दावा किया, ट्रंप को ढाका और दिल्ली के बीच गलतफहमी हुई, अमित मालवीय ने झूठ आगे फैलाया, फिर भाजपा के समर्थकों ने उसे लपक लिया।’

सब फर्जी खबरें हैं- रमेश

रमेश ने लिखा कि जब से ट्रंप प्रशासन के सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) ने 16 फरवरी को कहा कि यूएसएड ने ‘भारत में मतदान’ के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान रद्द कर दिया है, तबसे भाजपा कांग्रेस पर मनगढ़ंत आरोप लगा रही है। लेकिन अब पता चल रहा है कि यह पूरी खबर तो फर्जी है। जब पैसा भारत आया ही नहीं, तो (अनुदान) रद्द कैसे होगा? कांग्रेस नेता ने कहा कि असल में सारा विवाद ‘डीओजीई’ की सूची में दो यूएसएड अनुदान को लेकर है, जिन्हें वाशिंगटन स्थित चुनाव एवं राजनीतिक प्रक्रिया सुदृढ़ीकरण समूह (सीईपीपीएस) के माध्यम से दिया गया था। इसको अमेरिका की तरफ से 48.6 करोड़ डॉलर मिलने थे।

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यूएसएड ने मोल्दोवा के लिए सीईपीपीएस को पहला कोष 2016 में दिया था, जिसका आईडी ‘एड117एलए1600001’ है। लेकिन भारत के लिए डीओजीई द्वारा चिह्नित यूएसएड का 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अनुदान बिल्कुल फर्जी है, क्योंकि यह बांग्लादेश के लिए था, भारत के लिए नहीं।

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2008 के बाद भारत कुछ नहीं आया

रमेश ने कहा कि असलियत यह है कि बांग्लादेश के लिए आवंटित 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर में से 1.34 करोड़ अमेरिकी डॉलर वहां जनवरी 2024 के चुनाव के पहले ही दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हर संघीय अनुदान में यह निहित होता है कि वह किस देश में इस्तेमाल होना है। अमेरिकी संघीय खर्च के अनुसार, 2008 के बाद से भारत में कोई यूएसएड वित्त पोषित सीईपीपीएस परियोजना ही नहीं है।

भाजपा पर तीखा हमला

रमेश ने इस पूरे मामले में भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अब तो भाजपा सिर्फ इस बात का जवाब दे कि क्या भाजपा ने भारत के लोकतंत्र को लेकर फर्जी खबर क्यों फैलाई? भाजपा ने अमेरिका से फर्जी खबर फैलाकर देशविरोधी काम क्यों किया? भाजपा का अमेरिका से फर्जी खबरों को लेकर भारत की विपक्षी पार्टी पर आरोप लगाना राष्ट्रद्रोह नहीं तो और क्या है?

रमेश ने कहा जवाब तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी देना होगा कि डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क बार-बार भारत का अपमान कर रहे हैं, लेकिन हमारी सरकार इस पर चुप क्यों है?

कांग्रेस नेता ने कहा, “कहीं ऐसा तो नहीं अदाणी के लिए रहम की भीख मांगने के चक्कर में देश के आत्मसम्मान से समझौता किया गया है?”

ट्रंप ने हाल के दिनों में चौथी बार दावा किया है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने भारत को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि आवंटित की। कांग्रेस ने ट्रंप के इस दावे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले पर अपने मित्र (ट्रंप) से बात करने और आरोप का दृढ़ता से खंडन करने का आग्रह किया है।

कांग्रेस ने विकास एजेंसियों, सहायता तंत्रों और बहुपक्षीय मंचों की ओर से भारत को दी जा रही धनराशि पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।

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