भारत के खिलाफ न हो F-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल, डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर कसा शिकंजा
- पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपना एफ-16 उड़ाया था। अब पाकिस्तान पर अमेरिका ने फाइटर जेट एफ-16 को लेकर शिकंजा कस दिया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान में यूएस समर्थित कार्यक्रम के लिए 397 मिलियन डॉलर की राशि को फिर से जारी किया है। इस राशि के जरिए यह सुनिश्चित किया जाना है कि अमेरिका निर्मित एफ-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए पाकिस्तान द्वारा किया जाए, न कि भारत के खिलाफ इनका इस्तेमाल हो। 2019 में पुलवामा हमले के दौरान संबंधों में आए खटास के वक्त पाकिस्तान ने एफ-16 फाइटर जेट का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया था।
फरवरी, 2019 में पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपना एफ-16 उड़ाया था, जिसे भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन ने मिग-21 से ही मार गिराया था। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के एफ-16 उड़ाने से अमेरिका काफी नाराज हुआ था। उस समय एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने अगस्त में पाकिस्तानी वायु सेना के प्रमुखों को लेटर लिखकर फटकार लगाई थी। पत्र में उन पर अमेरिका द्वारा सप्लाई किए गए एफ-16 लड़ाकू विमानों का दुरुपयोग करने और उनकी साझा सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया था। यह लेटर तत्कालीन शस्त्र नियंत्रण और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के अवर सचिव एंड्रिया थॉम्पसन द्वारा लिखा गया था और कहा गया था कि यह कश्मीर में एफ-16 के उपयोग के बारे में अमेरिकी चिंताओं का जवाब है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के लिए पहले से रोकी गई 5.3 बिलियन डॉलर की विदेशी सहायता जारी की है। इसी में 397 मिलियन डॉलर की राशि भी शामिल है, जिसके जरिए एफ-16 पर अमेरिका नजर रखेगा। बाकी की राशी में ज्यादातर सुरक्षा और मादक पदार्थ विरोधी कार्यक्रमों के लिए है, जिसमें केवल सीमित मानवीय सहायता शामिल है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद विदेशी सहायता पर 90 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया था। इससे भुखमरी और घातक बीमारियों से लड़ने वाले कार्यक्रमों से लेकर दुनियाभर में लाखों विस्थापित लोगों को आश्रय प्रदान करने तक हर चीज के लिए दिए जा रहे पैसे को रोक दिया गया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जिन्होंने कहा है कि सभी विदेशी सहायता ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट प्राथमिकताओं के अनुरूप होनी चाहिए, ने जनवरी के अंत में मध्य पूर्व में शीर्ष अमेरिकी सहयोगियों, इजराइल और मिस्र को सैन्य सहायता और भोजन सहित जीवन रक्षक मानवीय सहायता के लिए छूट जारी की। छूट का मतलब था कि उन निधियों को खर्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। रॉयटर्स ने 13 फरवरी तक स्वीकृत 243 अतिरिक्त अपवादों की सूची प्राप्त की है, जिनकी कुल राशि 5.3 बिलियन डॉलर है। यह सूची ट्रंप द्वारा सहायता रोक दिए जाने के आदेश के बाद से छूट प्राप्त निधियों का सबसे व्यापक लेखा-जोखा प्रदान करती है और व्हाइट हाउस की उन कार्यक्रमों के लिए सहायता में कटौती करने की इच्छा को दर्शाती है जिन्हें वह अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण नहीं मानता है।
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