Hindi Newsदेश न्यूज़Why So many earthquakes in India this year minister Almora Fault connection - India Hindi News

इस साल भारत में आए बहुत ज्यादा भूकंप, मंत्री ने बताया क्या है 'अल्मोड़ा फॉल्ट' का कनेक्शन

रिजिजू ने बुधवार को कहा कि उत्तरी भारत और नेपाल में भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव के कारण कभी-कभी मध्यम भूकंप आना आम बात है क्योंकि यह क्षेत्र एक्टिव फॉल्ट्स के पास स्थित है।

Amit Kumar पीटीआई, नई दिल्लीThu, 7 Dec 2023 02:36 PM
share Share

इस साल भारत में एक के बाद एक कई बार भूकंप से धरती हिली। कभी हल्के तो कभी तीव्र झटकों से लोगों में दहशत फैल गई। अब इसको लेकर लेकर भारत सरकार की ओर से बयान आया है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि उत्तरी भारत और नेपाल में भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव के कारण कभी-कभी मध्यम भूकंप आना आम बात है क्योंकि यह क्षेत्र एक्टिव फॉल्ट्स के पास स्थित है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, रिजिजू ने कहा कि पश्चिमी नेपाल में अल्मोडा फॉल्ट की सक्रियता उत्तर भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भूकंप का कारण थी, जिसके कारण 24 जनवरी को 5.8 तीव्रता का भूकंप आया और 3 अक्टूबर और 3 नवंबर को क्रमशः 6.2 और 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। रिजिजू ने कहा, इन मुख्य झटकों के साथ-साथ बाद में कई और झटके आए। इसके कारण 2023 में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि हुई। 

मंत्री ने कहा कि उत्तरी भारत और नेपाल में जनवरी से नवंबर तक 3.0 से 3.9 तीव्रता के 97 भूकंप आए, जबकि 2022 और 2021 में प्रत्येक में 41 और 2020 में 42 भूकंप आए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में जनवरी से नवंबर के बीच 4.0-4.9 तीव्रता के 21 भूकंप आए, जबकि 2022 में 20 और 2021 और 2020 में 18-18 भूकंप आए थे।

मंत्री ने कहा, "उत्तरी भारत और नेपाल में कभी-कभी मध्यम भूकंप और भूकंपीय गतिविधि में उतार-चढ़ाव का अनुभव होना आम बात है। नेपाल और भारत का पड़ोसी उत्तरी भाग हिमालय क्षेत्र के एक्टिव फॉल्ट्स के पास स्थित है। यह अत्यधिक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र हैं, जहां अक्सर भूकंप आने का खतरा रहता है। यहां टकराव टेक्टोनिक्स के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जहां भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से नीचे झुकती है।"

अल्मोडा फॉल्ट्स पश्चिम-उत्तर-पश्चिम-पूर्व-दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम-दक्षिणपूर्व में एक हाई एंगल वाला ट्रेंडिंग टेक्टोनिक प्लेन है जो उत्तर में आंतरिक लघु हिमालय के गढ़वाल समूह को दक्षिण में बाहरी लघु हिमालय के जौनसार और दुदातोली समूहों से अलग करता है।

रिजिजू ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने जोन II से V तक के लिए भारत का भूकंपीय जोनिंग मानचित्र प्रकाशित किया है और भूकंप प्रतिरोधी इमारतों के निर्माण के लिए आवश्यक इंजीनियरिंग कोड और प्रथाओं को लागू करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भूकंप संबंधी घटनाओं की तैयारी और प्रतिक्रिया बढ़ाने के लिए भूकंप अभ्यास, जागरूकता कार्यक्रम, भूकंप प्रबंधन जैसे विभिन्न एहतियाती उपायों के लिए जिम्मेदार एजेंसी रही है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें