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G23 में क्यों नहीं गए हार्दिक पटेल? बताया पिता की मौत से शुरू हुई थी कांग्रेस से नाराजगी

Hardik Patel News: हार्दिक पटेल ने कहा कि मैंने बगैर किसी मोल भाव के पार्टी ज्वाइन की थी और एक साल तक कार्यकर्ता रहा, इसके बाद मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई।

Nisarg Dixit लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीWed, 25 May 2022 01:12 AM
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पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के कांग्रेस पर हमले जारी हैं। हाल ही में उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लेकर भविष्यवाणी भी की है। उन्होंने कहा है कि विपक्ष के तौर पर कांग्रेस कहीं नजर नहीं आएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि आगामी चुनावों में वह बड़ी भूमिका निभाएंगे। पटेल ने 18 मई को कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में पटेल ने कांग्रेस के साथ अपनी नाराजगी को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि परेशानियों की शुरुआत उनके पिता के निधन से हुई थी। उन्होंने कहा, 'शुरुआत पिता की मौत से हुई। यह एक उदाहरण है, जिसने मुझपर गहरा प्रभाव डाला। कांग्रेस का एक भी नेता नहीं आया था।'

उन्होंने कहा कि मुझे एहसास हुआ कि अगर आप सामाजिक कार्यकर्ता हैं और एक आंदोलनकारी हैं, तो कांग्रेस आपको कहेगी 'वाह! हमें तुम्हारे जैसे युवाओं की जरूरत है... आपके साथ पार्टी प्रगति करेगी' वे प्यार से बात करते हैं। पटेल ने कहा कि मेरा मामले देखिए 2015-18 तक वे मुझसे बात करते थे, मुझसे मिलने आते थे और पूछते थे कि क्या हो सकता है... एक बार पार्टी में शामिल होने के बाद वे सब भूल गए। उन्होंने कहा कि वे इसके बाद वे मुझे प्रतिद्विंदी के तौर पर देखने लगे।

उन्होंने एक बार फिर पार्टी पर नजरअंदाज करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने बगैर किसी मोल भाव के पार्टी ज्वाइन की थी और एक साल तक कार्यकर्ता रहा, इसके बाद मुझे कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि मैंने अपने आप सभी बैठकें आयोजित की, लेकिन क्या आपने किसी भी पार्टी पोस्टर में कार्यकारी अध्यक्ष की तस्वीरें देखीं? उन्होंने सवाल किया कि क्या कार्यकारी अध्यक्ष सिर्फ एक लॉलीपॉप है?

क्यों नहीं बने G23 का हिस्सा?
पटेल का कहना है कि वह पार्टी में रहकर गद्दार नहीं बनना चाहते। उन्होंने कहा कि विरोध करना और कहना कि मैं अब तुम्हारे साथ नहीं हूं, ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा, 'मैं चिंतन शिविर में इसलिए नहीं गया क्योंकि अगर राहुल गांधी दाहोद में मुझे 5 मिनट नहीं दे सकते, तो मुझे यह दिखाने के लिए क्यों जाना चाहिए कि मैंने आपके सामने सरेंडर कर दिया है?'

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