unnao rape survivor accident case: जांच पूरी होने तक लखनऊ में होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव कांड से जुड़े सड़क दुर्घटना मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के अपने आदेश में शुक्रवार को फौरी संशोधन किया। कोर्ट ने कहा कि जब तक सड़क दुर्घटना की जांच पूरी नहीं होती तब तक मामले...
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव कांड से जुड़े सड़क दुर्घटना मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने के अपने आदेश में शुक्रवार को फौरी संशोधन किया। कोर्ट ने कहा कि जब तक सड़क दुर्घटना की जांच पूरी नहीं होती तब तक मामले को दिल्ली स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
14 दिन का समय: मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के विशेष उल्लेख के बाद अपने आदेश में संशोधन किया। न्यायालय ने सीबीआई को सड़क दुर्घटना मामले की जांच पूरी करने के लिए 14 दिन का समय दिया।
लखनऊ में ही इलाज: न्यायालय ने पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली स्थानांतरित करने के फैसले पर फौरी रोक लगा दी। पीठ ने पीड़िता की हालत और उसकी मां के आग्रह को ध्यान में रखते हुए उसे फिलहाल दिल्ली एयरलिफ्ट न करने का निर्णय लिया।
नाट्य रूपान्तरण: इस बीच सीबीआई टीम ने शुक्रवार को घटना का नाट्य रूपान्तरण किया। रायबरेली के गुरुबख्शगंज में टीम को तीन बार प्रयास करने पर सफलता मिली। कोशिश तो सफल रही पर बारिश वाला ‘सीन' रिक्रिएट नहीं हो पाया। 28 जुलाई को हादसे के समय तेज बारिश हो रही थी।
पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल भेजा
सीबीआई की एक टीम रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को लेकर शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे दिल्ली के लिये सड़क मार्ग से रवाना हो गई। चाचा को सीआरपीएफ की सुरक्षा में 17 पुलिसकर्मी लेकर गये। तीन वाहनों के बीच में पीड़िता के चाचा को लेकर जाने वाला वाहन रखा गया।
ट्रक चालक व क्लीनर न्यायिक हिरासत में
रायबरेली में उन्नाव रेप पीड़िता की कार से हुए एक्सीडेंट के मामले में गिरफ्तार ट्रक ड्राइवर आशीष पाल व क्लीनर मोहन श्रीवास को सीबीआई की विशेष अदालत ने सात दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इन दोनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख तय की है।