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दशहरा रैली में बड़े खुलासे कर सकते हैं ठाकरे परिवार के करीबी रहे एकनाथ शिंदे, दोनों गुटों ने कसी कमर

इस बार दो दशहरा रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे का गुट अलग- अलग जगहों पर दशहरा रैली कर रहा है। दोनों को ही बीएमसी ने शिवजाी पार्क में जनसभा करने की इजाजत नही दी थी।

Ankit Ojha एजेंसियां, मुंबईWed, 5 Oct 2022 10:46 AM
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शिवसेना और ठाकरे परिवार के लिए दशहरा रैली की बड़ी अहमियत है। हालांकि इस बार दोनों ही गुटों को शिवाजी पार्क मे रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। 56 साल बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि दो दशहरा रैलियां आयोजित की जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक बड़ी संख्या में लोग जनसभाओं में पहुंच रहे हैं। शिवसेना में बगावत करने के बाद एकनाथ शिंदे लगातार दावा कर रहे हैं उनका गुट ही असली शिवसेना है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करने का काम चुनाव आयोग को सौंप दिया है। हालांकि इससे पहले दशहरा रैली अहम इसलिए हो जाती है क्योंकि इसीसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसके पास कितना बड़ा जनसमर्थन है। 

दोनो ही गुट रैली में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। वहीं एकनाथ शिंदे कुछ चौकाने वाली बातें भी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि जनसभा में वे तीन प्रमुख मुद्दे उठाएंगे। बता दें कि एकनाथ शिंदे के ठाणे क्षेत्र में काफी दबदबा था। इस वजह से वह ठाकरे परिवार के भी करीबी रहे हैं। मातोश्री में उनका आना-जाना लगा ही रहता था। माना जाता है कि उनके पास कई बड़ी जानकारियां हैं। ऐसे में तनातनी के बाद वह उद्धव ठाकरे पर गंभीर आरोप लगा सकते हैं। 

एकनाथ शिंदे बीकेसी ग्राउंड में लगने वाले दशहरा मेले में कई बड़े आरोप लगा सकते हैं। उन्होंने विधानसभा में कहा था कि महाविकास अघाड़ी सरकार में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई थी लेकिन बाद में उद्धव ठाकरे खुद ही सीएम बन गए औऱ उन्हें शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके विभाग में गैरजरूरी दखल दिया जाता था। दशहरा मेले में एकनाथ शिंदे इन आरोपों को और विस्तार दे सकते हैं। 

जब एकनाथ शिंदे शिवसेना के 40 विधायकों को साथ लेकर विद्रोह कर रहे थे तब ठाकरे गुट की तरफ से उनपर आरोप लगाया गया था कि पैसे का लालच देकर विधायकों को फुसलाया गया है। 'बचार खोके ओके ओके' के नारे भी लगाए गए थे। इसके जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें पता है कि मातोश्री में नोटों के बक्से कौन पहुंचाता है। हो सकता है कि दशहरा रैली में शिंदे ठाकरे परिवार के आर्थिक हितों को लेकर कोई बड़ा खुलासा कर दें। 


आनंद दिघे को लेकर कर सकते हैं बड़े दावे
एकनाथ शिंदे आनंद दिघे को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। उनपर एक फिल्म बनी थी जिसके बाद सियासी गलियारों में काफी हलचल थी। एक कार ऐक्सिडेंट के बाद अस्पताल में दिल का दौरान पड़ने से उनका निधन हो गया था। इसके बाद शिवसेना के ही एक पार्षद को उनकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दिघे को लेकर कई बार एकनाथ शिंदे बड़े दावे कर चुके हैं। हो सकता है कि इस रैली में भी वह आनंद दिघे के जीवन से संबंधित कोई बड़ी बात बताएं।

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