गलवान जैसे नहीं थे तवांग में हालात, सैटेलाइट तस्वीरों से सामने आया सच; इस बार भारतीय सेना थी तैयार
तवांग में जब चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट पर कब्जे की नीयत से पहुंचे तो उन्होंने सोचा होगा कि वह अपने मकसद में आसानी से कामयाब हो जाएंगे। हालांकि यहां पहले से अलर्ट भारतीय सेना पीएलए को मुंहतोड़ जवाब दिया।
तवांग में जब चीनी सैनिक भारतीय पोस्ट पर कब्जे की नीयत से पहुंचे तो उन्होंने सोचा होगा कि वह अपने मकसद में आसानी से कामयाब हो जाएंगे। हालांकि यहां पहले से अलर्ट भारतीय सेना पीएलए को मुंहतोड़ जवाब दिया। असल में साल 2020 में गलवान में चीन से तगड़ी भिड़ंत के बाद से ही भारतीय सेना एलएसी पर अतिरिक्त सावधानी बरत रही है। इसका नतीजा यह हुआ कि जहां गलवान में कुछ भारतीय सैनिक घायल हुए थे, वहीं तवांग में उन्होंने चीन के सैनिकों की हड्डियां तोड़ डालीं। सैटेलाइट तस्वीरों से तवांग का हाल सामने आया है।
बड़ी संख्या में तैनात थे भारतीय सैनिक
सैटेलाइट तस्वीरों में नजर आ रहा है कि जब तवांग में चीनी सैनिक पहुंचे तो उनका सामना वहां पर पर्याप्त मात्रा में तैनात भारतीय सैनिकों से हुआ। इंडिया टुडे ने स्पेस फर्म प्लैनेट लैब्स पीबीसी द्वारा सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन करने के बाद यह दावा किया है। इसके मुताबिक तस्वीरों में नजर आ रहा है कि अलग-अलग मोर्चों पर बड़ी संख्या में भारतीय सैनिक तैनात थे। इसमें एलएसी के नजदीक यांगत्सी इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भिड़ंत हुई है। सेना के सू्त्रों की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि दोनों पक्षों के जवान घायल हुए हैं।
रक्षामंत्री ने दिया बयान
वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज संसद में तवांग की घटना पर बयान जारी किया। राजनाथ सिंह के मुताबिक इस झड़प में भारतीय सैनिकों को किसी तरह की गंभीर चोट नहीं लगी है। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए चीन सैनिकों को एलएसी से खदेड़ दिया। जानकारी के मुताबिक एलएसी पर चीन और भारत के सैनिकों में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पोस्ट को लेकर झड़प हुई थी। बेहद ऊंचाई पर स्थित इस पोस्ट पर चीन नियंत्रण स्थापित करना चाहता है। असल में इस चौकी से तवांग के भारतीय साइड की निगरानी बेहद आसानी से की जा सकती है।
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