सत्यपाल मलिक बोले- मेरी संपत्ति बिक चुकी, फ्लैट की किस्तें भी पेंशन से भर रहा; चौधरी चरण सिंह जैसा ईमानदार
सत्यपाल मलिक ने ट्वीट कर कहा है कि मेरे पास सिर्फ कर्ज है और उसके सिवाय कोई दौलत नहीं है। उन्होंने एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे पास सिर्फ एक फ्लैट है, जिसकी किस्तें पेंशन से भर रहा हूं।
सत्यपाल मलिक ने एक ट्वीट कर कहा है कि मेरे पास सिर्फ कर्ज है और उसके सिवाय कोई दौलत नहीं है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के घर से कुछ दस्तावेज मिलने की बात कही है, जिनसे बड़े निवेश की जानकारी मिलती है। उस मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा है कि मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है और एक फ्लैट है। उस फ्लैट की किस्तें भी मैं अपनी पेंशन से भर रहा हूं। मेरे पास संपत्ति होने की बातें जो कही जा रही हैं, वह झूठ है।
पूर्व राज्यपाल ने लिखा, 'सीबीआई ने कल मेरे आवास पर छापेमारी की, जिसमें CBI के प्रवक्ता ने बताया कि मेरे आवास से भारी मात्रा में नकदी व विभिन्न शहरों में मेरी संपत्ति होने की बातें कहीं हैं जो बिल्कुल सरासर झूठ है, मुझे बदनाम करने के लिए मेरे ऊपर झूठा लांछन लगाया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि मेरी तो पैतृक संपत्ति तक बिक चुकी है। उन्होंने कहा, 'मेरे पास गांव में जो मेरी पैतृक संपत्ति थी, वो बहुत पहले बिक चुकी है। हां मैंने एक फ़्लैट जयपुर में बैंक से ऋण लेकर लिया है, जिसकी किस्तें मेरी पेंशन से कट रही हैं। इसके सिवाय मेरे पास कर्ज ही कर्ज है, सरकार अगर वो लेना चाहें तो उसे ले ले।'
यही नहीं सत्यपाल मलिक ने अपनी तुलना भारत रत्न चौधरी चरण सिंह से की है। उन्होंने कहा, 'मेरे पास से CBI को ना कुछ बरामद हुआ है ना होगा। क्योंकि मैं किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी की तरह ईमानदार हूं। इन छापों से ना मैं घबराऊंगा ना मैं डरूंगा। इमानदारी व सच्चाई के साथ खड़ा हूं।' जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने कहा कि मैंने भ्रष्टाचार में संलिप्त जिन व्यक्तियों की शिकायत की थी, उनके ऊपर कार्रवाई ना करके CBI तानाशाह के इशारे पर मुझे बदनाम करने व डराने की कोशिश कर रही है।'
बता दें कि सीबीआई ने गुरुवार को सत्यपाल मलिक के घर समेत उनसे जुड़े 30 ठिकानों पर छापेमारी की थी। उनके खिलाफ कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के ठेके के मामले में सीबीआई ने रेड की थी। सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि इस ठेके की फाइल के एवज में उन्हें राज्यपाल रहने के दौरान 300 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। उनके दावे के बाद एजेंसी ने केस दर्ज किया था और जांच कर रही है।