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मिशन 'चंद्रयान-2' पर भी राजनीति, कांग्रेस के इस बयान पर बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस ने देश के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर संबंधित वैज्ञानिकों एवं परियोजना से जुड़े लोगों को बधाई दी और साथ ही उसने अंतरिक्ष अनुसंधान की बुनियाद रखने के लिए पंडित जवाहरलाल...

एजेंसी नई दिल्लीMon, 22 July 2019 08:06 PM
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कांग्रेस ने देश के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण पर संबंधित वैज्ञानिकों एवं परियोजना से जुड़े लोगों को बधाई दी और साथ ही उसने अंतरिक्ष अनुसंधान की बुनियाद रखने के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा चंद्रयान-2 मिशन को स्वीकृति प्रदान करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद किया। भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि सभी भारतीय नागरिकों को गौरवान्वित करने वाली इस उपलब्धि पर राजनीति करना दुखद है। 

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ''यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के उस दूरदर्शी कदम को याद करने का समय है जिसके माध्यम से 1962 में अंतरिक्ष अनुसंधान की नींव पड़ी थी जिसने बाद में इसरो के रूप में आकार लिया। विपक्षी पार्टी ने कहा, ''डॉक्टर मनमोहन सिंह की ओर से 2008 में चंद्रयान-2 को स्वीकृति देने को भी याद किया जाना चाहिए।

इस पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ''यह बहुद दुखद है। यह हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है और इसे राजनीति दायरे में नहीं लाना चाहिए।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''जब भविष्य में कोई नेतृत्व नहीं दिखाई देता तो अपने आप को प्रासंगिक रखने के लिए अतीत में झांकने का चलन है। दुखद है कि कांग्रेस के साथ यही हो रहा है। इससे पहले, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के मशहूर 'ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी भाषण का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ''भारत की 'ट्रिस्ट विथ डेस्टिनी चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के साथ जारी है। ये वो निर्णायक क्षण हैं जो हमें एक महान देश बनाते हैं। उन्होंने कहा, ''इसरो के सभी वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष इंजीनियरों को बधाई जिन्होंने 130 करोड़ भारतीयों को गौरवान्वित करने के लिए दिन-रात मेहनत की। 

चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ''भारत की अंतरिक्ष यात्रा पंडित नेहरू के साथ आरंभ हुई और करिश्माई नेता इंदिरा गांधी के नेतृत्व में आर्यभट्ट प्रक्षेपण के साथ 1975 में इसे गति मिली। चंद्रयान (2008) और मंगलयान (2013) सहित इसरो की कई उपलब्धियां हैं। 

गौरतलब है कि चंद्रयान-2 सोमवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से प्रक्षेपित किया गया। बाहुबली नाम के सबसे ताकतवर रॉकेट जीएसएलवी-मार्क ।।। एम 1 ने प्रक्षेपण के करीब 16 मिनट बाद यान को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। 
 

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