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PM मोदी ने की वर्क फ्रॉम होम की तारीफ, बोले- फ्लेक्सिबल वर्कप्लेस भविष्य की जरूरत

मोदी ने कहा, 'अगर हमने खुद को तेजी से तैयार नहीं किया तो फिर पिछड़ने का खतरा हो जाएगा। पहली, दूसरी और तीसरी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने में भारत पीछे रह गया था। अब देश को तेजी से निर्णय लेने होंगे।'

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 26 Aug 2022 03:08 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्लेक्सिबल वर्कप्लेस और वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम को भविष्य की जरूरत बताया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया डिजिटल दौर में प्रवेश कर रही है। उन्होंने कहा, 'देश का श्रम मंत्रालय अमृतकाल में वर्ष 2047 के लिए अपना विजन भी तैयार कर रहा है। फ्लेक्सिबल वर्कप्लेस और वर्क फ्रॉम होम इकोसिस्टम भविष्य की जरूरत है। फ्लेक्सिबल वर्कप्लेस जैसी व्यवस्थाओं को महिला श्रमशक्ति की भागीदारी के लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।'

पीएम मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'अगर हमने खुद को तेजी से तैयार नहीं किया तो फिर पिछड़ने का खतरा हो जाएगा। पहली, दूसरी और तीसरी औद्योगिक क्रांति का लाभ उठाने में भारत पीछे रह गया था। अब चौथी औद्योगिक क्रांति के समय भारत को तेजी से निर्णय भी लेने होंगे और उन्हें तेजी से लागू भी करना पड़ेगा। बदलते हुए समय के साथ, जिस तरह नेचर ऑफ जॉब बदल रहा है, वो आप भी देख रहे हैं।'

रोजगार के एक नए आयाम के साक्षी बन रहे हम लोग: मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज हम सब गिग (gig) और प्लेटफॉर्म इकोनॉमी के रूप में रोजगार के एक नए आयाम के साक्षी बन रहे हैं। ऑनलाइन शॉपिंग हो, ऑनलाइन हेल्थ सर्विसेस हों, ऑनलाइन टैक्सी और फूड डिलिवरी हो, ये आज शहरी जीवन का हिस्सा बन चुका है। लाखों युवा इन सेवाओं को, इस नए बाजार को गति दे रहे हैं। इन नई संभावनाओं के लिए हमारी सही नीतियाँ और सही प्रयास, इस क्षेत्र में भारत को ग्लोबल लीडर बनाने में मदद करेंगे।'

सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए ई-श्रम पोर्टल: मोदी
मोदी ने कहा, 'देश के हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिए, किस तरह काम हो रहा है, उसका एक उदाहरण ‘ई-श्रम पोर्टल’ भी है। ये पोर्टल पिछले साल शुरू किया गया था, ताकि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आधार से जुड़ा नेशनल डेटाबेस बन सके। मुझे खुशी है कि इस एक साल में ही, इस पोर्टल से 400 अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 28 करोड़ श्रमिक जुड़ चुके हैं। विशेष रूप से इसका लाभ कन्स्ट्रकशन वर्कर्स को, प्रवासी मजदूरों को, और डॉमेस्टिक वर्कर्स को मिल रहा है। अब इन लोगों को भी UAN जैसी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।'

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