सीलबंद लिफाफा देखकर सरकार पर भड़के चीफ जस्टिस, OROP पर दिया बड़ा आदेश
मामले पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि OROP देने के मामले में अदालत को केंद्र सरकार की परेशानियों के बारे में पता है। हालांकि, उन्होंने इसे लेकर सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी मांगी है।
वन रैंक वन पेंशन यानी OROP पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की नाराजगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने जानकारी सील बंद लिफाफे दिए जाने पर एटॉर्नी जनरल को कड़े शब्दों में हिदायत दी। उन्होंने इस तरह के लिफाफों को न्यायिक सिद्धांतों के खिलाफ बताया है।
खास बात है कि मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने केंद्र सरकार को सेना के 21 लाख पेंशन भोगियों को OROP एरियर देने के लिए समय दिया है। नए आदेश के अनुसार, बकाया भुगतान 28 फरवरी 2024 तक किया जाना है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अदालतों में सीलबंद लिफाफों के इस्तेमाल पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, 'हम कोई भी गोपनीय दस्तावेज या सीलबंद लिफाफे नहीं लेंगे और मैं व्यक्तिगत रूप से इसके खिलाफ हूं। अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए। यह आदेशों को लेकर हैं। यहां क्या गोपनीयता होनी चाहिए?'
उन्होंने साफ कर दिया है कि वह सीलबंध लिफाफों के इस्तेमाल को बंद करना चाहते हैं। उन्होंने एटॉर्नी जनरल कहा, 'अगर सुप्रीम कोर्ट इसका पालन करता है, तो हाईकोर्ट भी करेंगे।' साथ ही उन्होंने सरकार के शीर्ष वकील से लिफाफे में बंद जानकारी को पढ़कर सुनाने या वापस ले जाने की बात कही।
सीजेआई ने कहा कि इनकी बहाली तब ही की जाएगी, जब किसी सूत्र के बारे में जानकारी होगी या किसी की जान खतरे में होगी। वहीं, मामले पर उन्होंने कहा कि OROP देने के मामले में कोर्ट को सरकार की परेशानियों के बारे में पता है। हालांकि, उन्होंने इसे लेकर सरकार की तैयारियों के बारे में जानकारी मांगी है।