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कुवैत में ऐसे जिंदा जले भारतीय कि पहचानना मुश्किल, अब DNA टेस्टिंग से होगी पहचान

इस हादसे में सरकार के सामने एक चुनौती यह है कि शवों को पहचानना तक मुश्किल हो रहा है। आग इतनी भीषण थी कि शव जलकर खाक हो गए। ऐसे में शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग कराई जा रही है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 13 June 2024 05:03 AM
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कुवैत की एक इमारत में लगी आग में 42 भारतीयों की मौत हो गई है। यह हादसा इतना भीषण था कि बहुमंजिला इमारत में लोग सोते ही रहे और जिंदा जल गए। बुधवार को तड़के 4 बजे हुए इस हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं। इस हादसे के चलते भारत में भी केरल, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में कोहराम मचा हुआ है, जहां के ये लोग रहने वाले थे। फिलहाल भारत सरकार ने हालात का जायजा लेने और मदद के लिए विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह को भेजा है। उनका कहना है कि एयरफोर्स के प्लेन अग्निकांड में मारे गए लोगों के शवों को लाने के लिए तैयार हैं।

फिर भी बड़ी चुनौती यह है कि शवों को पहचानना तक मुश्किल हो रहा है। आग इतनी भीषण थी कि शव जलकर खाक हो गए। ऐसे में शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग कराई जा रही है। गोंडा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा, 'शवों की जैसे ही पहचान होगी, उनके परिजनों को सूचित किया जाएगा। इसके बाद वायुसेना के विमानों की मदद से उन्हें भारत लाया जाएगा।' अब तक मिली जानकारी के अनुसार दक्षिणी कुवैत के मंगफ में लगी आग में कुल 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 42 भारतीय ही हैं।

इस इमारत में करीब 200 लोग रह रहे थे। 6 मंजिला इमारत की एक किचन में आग लगी थी और धीरे-धीरे इसने बड़े हिस्से को चपेट में ले लिया। कुछ लोग तो सीधे तौर पर आग की चपेट में आए तो वहीं कई लोगों की धुंए के चलते दम घुटने से मौत हो गई। इस हादसे की पीएम मोदी ने भी बुधवार शाम को ही समीक्षा की। मृतकों के परिजनों को लाख रुपये की मदद राशि देने का भी ऐलान हुआ है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने घायल हुए 50 लोगों के इलाज के लिए भी मदद की बात की है। फिलहाल बुरी तरह जलकर मौत का शिकार हुए लोगों के शव पहचानने में वही लोग मदद कर रहे हैं, जो उस इमारत में मौजूद थे और किसी तरह बच निकले।

एस जयशंकर ने भी की कुवैती विदेश मंत्री से बात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस मामले में कुवैती समकक्ष अब्दुल्लाह अली अल-याहया से बात की है। उन्होंने कहा कि कुवैती मंत्री ने मामले की पूरी जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने की बात कही है। एस. जयशंकर ने कहा कि हम शवों को लाने की कोशिश में हैं। फिलहाल इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि घायलों को समुचित इलाज मिले और वे तेजी से रिकवर कर जाएं। कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने मारे गए लोगों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 भी जारी किया है।

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