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मॉनसून ने दक्षिण भारत में मचाया हाहाकार, पूर्वोत्तर राज्यों में कम हुई बारिश; आगे क्या है अपडेट?

आईएमडी कार्यालय के वैज्ञानिक सुनीत दास ने कहा कि पूर्वोत्तर में सामान्य बारिश के आंकड़े भारत के बाकी हिस्सों से ज्यादा हैं। इसलिए, अगर थोड़ी कम बारिश होती है, तो भी आंकड़े उसे दर्शाते हैं।

Amit Kumar उत्पल पराशर (HT), गुवाहाटीFri, 2 Aug 2024 02:21 PM
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जहां एक तरफ दक्षिण भारत में मॉनसूनी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं देश के पूर्वोत्तर राज्यों में कम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि पूर्वोत्तर राज्यों में भी बाढ़, भूस्खलन के कारण 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। इसके बावजूद, पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में इस साल जून और जुलाई में सामान्य से कम बारिश हुई। ये महीने मॉनसून सीजन का पहला भाग कहे जाते हैं।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, अगस्त और सितंबर में भी यही प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है। अगस्त और सितंबर को मॉनसून सीजन का दूसरा भाग कहा जाता है। अगर ऐसा ही रहा तो इससे फसल की पैदावार और बिजली उत्पादन पर असर पड़ सकता है। जुलाई के अंत तक अरुणाचल प्रदेश में सामान्य से 19% कम वर्षा हुई। वहीं असम में 5% कम, नागालैंड में 26% कम, मणिपुर में 48% कम तथा मिजोरम और त्रिपुरा में क्रमशः 32% और 11% कम वर्षा हुई।

मेघालय एकमात्र ऐसा पूर्वोत्तर राज्य रहा, जिसने इस साल मॉनसून के पहले दो महीनों में सामान्य से 1% ज्यादा बारिश दर्ज की। आईएमडी ने इस मौसम में नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम में हुई बारिश को कम बारिश की श्रेणी में रखा है। वहीं अन्य 4 राज्यों में हुई बारिश को सामान्य श्रेणी में रखा है। 

गुवाहाटी में आईएमडी कार्यालय के वैज्ञानिक सुनीत दास ने कहा, "पूर्वोत्तर में सामान्य बारिश के आंकड़े भारत के बाकी हिस्सों से ज्यादा हैं। इसलिए, अगर थोड़ी कम बारिश होती है, तो भी आंकड़े उसे दर्शाते हैं। मई में जारी किए गए मॉनसून के हमारे दीर्घकालिक पूर्वानुमान में पहले ही पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश की भविष्यवाणी की गई थी। इसलिए, यह अपेक्षित था।"

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई। मेघालय में पिछले महीने 19% कम बारिश दर्ज की गई, मणिपुर में 42% कम, अरुणाचल प्रदेश में 31% कम, असम में 21% कम और मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में 26% कम बारिश हुई।

दास ने कहा, "आमतौर पर, मॉनसून के कम दबाव के कारण पूर्वोत्तर में सबसे अधिक बारिश होती है। इस सीजन में ऐसा कम हुआ है। यही कम बारिश का एक कारण हो सकता है। ला नीना के प्रभाव के कारण अगस्त और सितंबर में भी यह प्रवृत्ति जारी रहेगी।" आईएमडी ने कहा कि अगस्त और सितंबर में देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है, लेकिन पूर्वोत्तर में कम बारिश की प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है। गुरुवार को जारी आईएमडी की एक विज्ञप्ति में कहा गया, "पूर्वोत्तर के कई हिस्से और पूर्वी भारत के आसपास के इलाके, लद्दाख, सौराष्ट्र और कच्छ और मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ अलग-अलग इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।"

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