Maharashtra Live: शपथ ग्रहण का समय बदला, अब 1 दिसंबर की जगह 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे बनेंगे सीएम
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे की अगुवाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल से मिलने पहुंचे। तीन...
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे की अगुवाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के नेताओं ने राज्यपाल से मिलने पहुंचे। तीन पार्टियों का गठबंधन "महा विकास अघाडी" के पार्टियों के प्रतिनिधि सरकार बनाने का दावा पेश किया। जिसके बाद यह तय किया गया है कि उद्धव ठाकरे 1 दिसंबर की जगह अब 28 नवंबर को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
इससे पहले महाराष्ट्र के ट्राइडेंट होटल में आयोजित "महा विकास अघाडी" नेताओं की बैठक में सर्वसम्मति से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार और 'महा विकास अघाड़ी' के नेता चुना गया। यह प्रस्ताव कांग्रेस के बालासाहेब थोराट ने पेश किया जिसे सभी नेताओं ने पास करने की अनुमति दी। इससे पहले एनसीपी के जयंत पाटिल ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे हमारे गठबंधन का नेतृत्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर करें।
Maharashtra Government formation Live Updates
10:25 PM- उद्धव ठाकरे अपने दिवंगत पिता ओर शिससेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को मातोश्री (ठाकरे परिवार का निवास)में श्रद्धांजलि अर्पित की।
Mumbai: Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray paid tribute to party founder & his father Balasaheb Thackeray, at Matoshree (Thackeray residence), after getting elected as 'Maha Vikas Aghadi' (NCP-Congress-Shiv Sena alliance) CM candidate, today. #Maharashtra pic.twitter.com/DKQdiRIK2Y
— ANI (@ANI) November 26, 2019
10:00 PM - देवेंद्र फडणवीस सरकार 2 में डिप्टी सीएम के पद से इस्तीफा दे चुके एनसीपी नेता अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार के आवास सिल्वर ओएक (Silver Oak) पहुंच रहे हैं।
Mumbai: Ajit Pawar leaves from his brother Sriniwas Pawar's residence, to meet Sharad Pawar at his residence Silver Oak. #Maharashtra pic.twitter.com/BWJ2EIZI20
— ANI (@ANI) November 26, 2019
9:40 PM - महाराष्ट्र बीजेपी विधायकों की बैठक मुंबई के बीजेपी पार्टी ऑफिस में चल रही है। कुछ देर पहले देवेंद्र फडणवीस यहां मीटिंग के लिए पहुंच चुके हैं।
Mumbai: Meeting of BJP MLAs underway at the party's office. #Maharashtra pic.twitter.com/u4lgVYv5Zi
— ANI (@ANI) November 26, 2019
- उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज जो कुछ हुआ वही असली लोकतंत्र है। अब मह सब साथ मिलकर राज्य के किसानों के आंसू पोछ सकेंगे। अब हम महाराष्ट्र को एक बार फिर छत्रपति शिवाजी महाराज के सपनों का महाराष्ट्र बनाएंगे।
- इस मौके पर शिवसेना प्रमुख और महा विकास अघाडी के नेता उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया और अन्य तमाम नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा कि वह एक दिन राज्य का नेतृत्व करेंगे। आप सबने जो जिम्मेदारी दी है उसे निभाने के लिए तैयार हैं। वह सीएम के रूप में अकेले नहीं हैं आप सभी सीएम के रूप में उनके साथ हैं। उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के आरोपों का भी जवाब देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व में झूठ नहीं होता। जब हमारी जरूरत थी तो आपने गले लगाया और जब जरूरत नहीं है तो छोड़ दिया। आपने हमें दूर रखने की कोशिश की।
- एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा कि 'महा विकास अघाड़ी' के तीन प्रतिनिधि आज राज्यपाल से मिलेंगे। शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के शिवाजी के पार्क में एक दिसंबर को होगा।
-'महा विकास अघाड़ी' के नेताओं ने सर्वसम्मति से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री उम्मीदवार और 'महा विकास अघाड़ी' के नेता प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव कांग्रेस के बालासाहेब थोराट ने पेश किया जिसे सभी नेताओं ने पास करने की अनुमति दी। इससे पहले एनसीपी के जयंत पाटिल ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे हमारे गठबंधन का नेतृत्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर करें।
महाराष्ट्र के तात्कालीन मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफे का ऐलान किया। एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा, “हमें 105 सीटों का जनादेश मिला। उसके लिए मैं राज्य की जनता का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। शिवसेना ने नंबर का खेल खेला और भाजपा से बात करने की बजाय अन्य दलों से बात की। शिवसेना ने भाजपा को धमकी दी और जो बात तय नहीं थी, उस बात पर अड़ गई।” फडणवीस ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाहजी ने भी कई बार यह बात कही कि मुख्यमंत्री पद का वादा (ढाई-ढाई साल के लिए) कभी शिवसेना के साथ नहीं किया गया था। जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा करने के लिए हम तैयार थे, लेकिन शिवसेना ने अपना हिंदुत्व सोनिया जी के चरणों में रख दिया और गैर-वैचारिक पार्टियों के साथ सिर्फ मुख्यमंत्री पद के चलते समझौता कर लिया।”