बारिश के कारण ठंडी हुई धरती, क्या इसके चलते देर से आएगा मानसून? जानें मौसम वैज्ञानिकों की राय
ऐसी चिंताएं जताई जा रही हैं कि लंबे समय तक चल रहे बारिश दौर के कारण भूमि का ठंडा होना कम दबाव वाले क्षेत्र को कमजोर कर सकता है। इससे समुद्र से नमी से भरी हवा को खींचने वाले बल में कमी होगी।

मौसम ने एक बार फिर करवट ली है और देश के कई हिस्सों में बारिश हुई है। सीनियर वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कहा कि भारत के बड़े हिस्से में बारिश का दौर असामान्य है, लेकिन इसके कारण भूमि ठंडी होने से मानसून के आगमन में देरी नहीं होगी। भारतीय मानसून भारतीय भूमि और हिंद महासागर के बीच तापमान व दबाव के अंतर से संचालित होता है। गर्मियों के महीनों के दौरान भूमि गर्म हो जाती है, जिससे कम दबाव का क्षेत्र बन जाता है जो समुद्र से नम हवा खींचता है, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होती है।
ऐसी चिंताएं हैं कि लंबे समय तक चल रहे बारिश दौर के कारण भूमि का ठंडा होना कम दबाव वाले क्षेत्र को कमजोर कर सकता है। इससे समुद्र से नमी से भरी हवा को खींचने वाले बल में कमी होगी। नतीजतन, मानसून की बारिश के आगमन में देरी हो सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन दिन से पूरे भारत में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 'इस तरह का कोई संबंध नहीं है (चल रही बारिश के कारण जमीन के ठंडे होने और मानसूनी हवाओं के कमजोर होने के बीच)। उन्होंने कहा कि भूमि के गर्म होने के लिए अभी पर्याप्त समय है।
'मानसून का आगमन नहीं होगा प्रभावित'
निजी मौसम-पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने कहा, 'देश के बड़े हिस्से में एक साथ लंबे समय तक बारिश बहुत कम होती है, लेकिन यह मानसून के आगमन को प्रभावित नहीं करेगी। अगर हम सामान्य तिथि (मानसून के आगमन के लिए) यानी एक जून को देखें तो अभी भी एक महीना बाकी है। यह बहुत लंबा समय है।' शर्मा ने कहा कि यह दौर संभवत: एक और सप्ताह चलेगा। इसके बाद मानसून-पूर्व मौसम की सामान्य स्थिति-गर्मी और आंधी-तूफान शुरू हो जाएगा।
6 मई के आसपास चक्रवात बनने की संभावना
आईएमडी ने कहा कि 6 मई के आसपास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवात बनने और इसके परिणामस्वरूप अगले 48 घंटों में कम वायु दाब का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, 'कुछ प्रणालियों ने इसके एक चक्रवात होने का पूर्वानुमान जताया है। हम नजर रख रहे हैं। नियमित रूप से अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।' मौसम का पूर्वानुमान करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर ने कहा कि मई 2023 के प्रथम पखवाड़े में कोई चक्रवाती तूफान आने की संभावना बहुत कम है। अप्रैल में हिंद महासागर में कोई चक्रवाती तूफान विकसित नहीं हुआ। इस तरह यह लगातार चौथा साल है जब पिछले महीने चक्रवाती तूफान नहीं आया।
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