किरेन रिजिजू फास्ट ट्रैक कोर्ट से नाखुश, HC पर भी सवाल; मुख्यमंत्रियों को दे दी नसीहत
रिजिजू ने कहा, 'ये FTSCs जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं। यही वजह है कि मैंने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया था कि मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों को इस ओर समय देना चाहिए।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि वह इन विशेष अदालतों से संतुष्ट नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्ययालयों से इस ओर ज्यादा प्रयास करने के लिए कहा है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सरकार और न्यायपालिका के बीच साथ मिलकर काम करने की बात कही।
दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'फिलहाल, ये FTSCs जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे मैं बहुत संतुष्ट नहीं हूं। यही वजह है कि मैंने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया था कि मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों को इस ओर समय देना चाहिए। मैं चाहता हूं कि न्यायपालिका औऱ सरकार साथ आ जाएं। हमें हमारे प्रयास बढ़ाने की जरूरत है।'
उन्होंने कहा, 'कुछ राज्य हैं, जिनका मैं नाम नहीं लेना चाहता...। हमने पहले भी कहा है कि हम उन खास उच्च न्यायालयों और राज्य सरकारों के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं। उन विशेष उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशो और कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को और भी ज्यादा कोशिशें करने की जरूरत है।'
उन्होंने न्यायपालिका और सरकार के साथ आने की जरूरत को भी बताया। उन्होंने कहा कि आपराधिक कानूनों और खासतौर से आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2018 को सभी स्तरों पर लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'विधायी स्तर पर इरादा है, लेकिन केवल इरादे से कुछ नहीं होगा।' उन्होंने आपराधिक कानूनों को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए केंद्र और कोर्ट्स के साथ काम करने की जरूरत के संकेत दिए।
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