स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तानी नारे, भिंडरावाले के पोस्टर भी लहराए; ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर सख्ती
स्वर्ण मंदिर में गुरुवार सुबह कुछ लोगों ने खालिस्तानी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लहराए। इसके अलावा खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए गए। ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी के मौके पर यह प्रदर्शन हुआ।
सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में गुरुवार सुबह कुछ लोगों ने खालिस्तान जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लहराए। इसके अलावा खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए गए। 1984 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार की 40वीं बरसी के मौके पर सिख समुदाय के कुछ लोगों ने यह नारेबाजी की और पोस्टर लहराए। राज्य में आज ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। आज शाम को ही कई सिख संगठनों ने खालसा मार्च निकालने का भी ऐलान किया है। इसे देखते हुए अमृतसर पुलिस ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। यही नहीं कई संगठनों ने आज अमृतसर बंद भी बुलाया है। इसका असर रहने की संभावना है।
हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है। पंजाब पुलिस के सभी ट्रेनिंग सेंटर से 2000 पुलिसकर्मियों को अमृतसर बुलाया गया है। इसके अलावा बॉर्डर रेंज के जिला अमृतसर देहाती, तरनतारन, बटाला, गुरदासपुर और पठानकोट से भी पुलिस फोर्स को अमृतसर में बुलाया गया है। पुलिस ने गोल्डन टेंपल की ओर जाने वाले रास्तों पर सख्त पहरा लगाया है। दरअसल इस बात की भी आशंका है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर नारेबाजी के चलते कहीं माहौल न खराब हो जाए।
सिविल ड्रेस में सिख पुलिस मुलाजिमों को श्री हरिमंदिर साहिब की परिक्रमा और श्री अकाल तख्त साहिब में आसपास तैनात किया गया है जो एसजीपीसी की टास्क फोर्स के साथ मिलकर ड्यूटी करेंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में खालिस्तानी अमृतपाल सिंह खडूर साहिब सीट से डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीत गया है। इसके अलावा पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा की भी फरीदकोट सीट से जीत हुई है। ये नतीजे राज्य में पंथिक राजनीति के उभार का संकेत देते हैं।
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार, जिस पर खफा रहते हैं सिख संगठन
गौरतलब है कि जरनैल सिंह भिंडरावाले की अगुआई में अलगाववादियों ने अलग पंजाब की मांग को लेकर गोल्डन टेंपल में शरण लेकर तत्कालीन इंदिरा गांधी की सरकार को चुनौती दी थी। केंद्र सरकार को गोल्डन टेंपल से अलगाववादियों को बाहर निकालने के लिए 1984 में 1 जून से 6 जून तक सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार का नाम दिया गया। 6 जून को सेना ने स्वर्ण मंदिर में अभियान चला कर कई आतंकियों को बाहर निकाला था। इस दौरान स्वर्ण मंदिर को भी काफी नुकसान हुआ था। कई लोग भी मारे गए थे। इसकी बरसी हर साल 6 जून को मनाई जाती है।