एक लड़की से प्यार करता था, जाति के कारण उसने शादी नहीं की; कर्नाटक सीएम ने सुनाई अपनी प्रेम कहानी
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी प्रेम कहानी से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है। उन्होंने याद करते हुए बताया कि कैसे उनकी "प्रेम कहानी" समाज में व्याप्त जातिवाद के कारण खत्म हो गई।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी प्रेम कहानी से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया है। उन्होंने याद करते हुए बताया कि कैसे उनकी "प्रेम कहानी" समाज में व्याप्त जातिवाद के कारण खत्म हो गई थी। वह कल रात मैसूरु में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। "बुद्ध पूर्णिमा" के अवसर पर आयोजित एक अंतरजातीय विवाह कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने अपने कॉलेज के दिनों को याद किया।
कर्नाटक सीएम ने कहा, “मैं दूसरी जाति में (अंतरजातीय) विवाह करना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लड़की ने इसे स्वीकार नहीं किया। जब मैं पढ़ रहा था तो मुझे एक लड़की से प्यार हो गया था। मुझे गलत मत समझना। मैं उससे शादी करना चाहता था लेकिन उसका परिवार और वह खुद इससे सहमत नहीं थी। इसलिए शादी नहीं हुई।"
सीएम ने आगे कहा, “ऐसी स्थिति सामने आई कि मुझे अपनी जाति की लड़की से शादी करनी पड़ी। मेरी शादी मेरे समुदाय में ही हुई।'' इसके बाद दर्शकों ने खूब तालियों और हंसी और जयकारों के साथ उनकी तारीफ की। अंतरजातीय विवाहों को अपना पूरा समर्थन और सहयोग देते हुए, सिद्धारमैया ने वादा किया कि उनकी सरकार ऐसे विवाहों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
उनके अनुसार, जातिवाद को खत्म करने और समाज में समानता लाने के प्रयास गौतम बुद्ध और 12वीं शताब्दी ईस्वी के कर्नाटक के समाज सुधारक भगवान बसवेश्वर के समय से हो रहे हैं। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि समानता आधारित समाज बनाने के कई समाज सुधारकों के प्रयास अभी तक परिणाम नहीं ला सके हैं। उन्होंने कहा कि जातिवाद की सामाजिक बुराई को मिटाने के दो ही रास्ते हैं। “एक है अंतरजातीय विवाह और दूसरा है सभी समुदायों के बीच सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण।" सिद्धारमैया ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक उत्थान के बिना समाज में सामाजिक समानता नहीं हो सकती।
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