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युवती को खटिया पर लादकर ले गए अस्पताल, छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र पहुंचे पर नहीं मिली एंबुलेंस

छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक बीमार 17 वर्षीय किशोरी को इलाज के लिए खाट पर लादकर 25 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ले जाया गया, जहां उसका इलाज हुआ।

Deepak Mishra भाषा, नागपुरSat, 2 Sep 2023 09:09 PM
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युवती को खटिया पर लादकर ले गए अस्पताल, छत्तीसगढ़ से महाराष्ट्र पहुंचे पर नहीं मिली एंबुलेंस

छत्तीसगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक 17 वर्षीय बीमार युवती को इलाज के लिए खाट पर लादकर 25 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ले जाया गया। इसके बाद इलाके में एंबुलेंस और बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक युवती को बुखार और उल्टी की शिकायत थी। इलाज के बाद उसकी स्थिति पहले से बेहतर बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सीमावर्ती गांवों में मॉनसून के चलते मलेरिया के मामले काफी ज्यादा सामने आ रहे हैं। 

कुछ दिन से थी बीमार
एक अधिकारी ने बताया कि यह मामला छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बकावंड इलाके के मेटावाड़ा गांव की है। यहां पर रहने वाली युवती को उसके रिश्तेदार शुक्रवार को गढ़चिरौली के भामरागढ़ तालुका के लहेरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) लाए थे। उन्होंने बताया कि लड़की के परिवार के सदस्यों ने उसे एक खाट पर लिटाकर और अपने कंधों पर उठाकर लगभग 25 किलोमीटर तक की कठिन यात्रा की। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डाॅ. संभाजी भोकरे ने बताया कि लड़की पिछले कुछ दिनों से बुखार और उल्टी से पीड़ित थी, उसे तुरंत उपचार दिया गया और अब उसकी हालत स्थिर है। 

पड़ोसी राज्य में इलाज की मांग
अधिकारी ने बताया कि कहा कि मानसून के दौरान मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के चार से पांच सीमावर्ती गांवों के मरीज लहेरी पीएचसी में इलाज की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यह उनके लिए पड़ोसी राज्य के नारायणपुर पीएचसी से करीब है। इस बीच, एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि हालांकि जिला प्रशासन के पास एम्बुलेंस हैं और उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ फोन नंबर साझा किए हैं। लेकिन यह गांव पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं, जहां मोटर चलाने योग्य सड़कें नहीं हैं और नेटवर्क कनेक्टिविटी भी खराब है। उन्होंने कहा कि इन गांवों में रहने वाले लोगों के पास पैदल पहुंचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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