राजीव भी नहीं कर पाए थे वापसी, इंदिरा के बाद कोई जमीनी नेता नहीं; गुलाम नबी आजाद ने खूब सुनाया
गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं को लेकर कहा कि ऐसा होना फिलहाल मुश्किल है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह नेहरू, इंदिरा या फिर राजीव गांधी का वक्त नहीं है।
गुलाम नबी आजाद ने बीते साल सितंबर में कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन अब भी पार्टी पर हमला करना नहीं छोड़ा है। बुधवार को गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा का विमोचन होने वाला है और उससे पहले उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने 50 साल के रिश्तों पर विस्तार से बात की है। गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की वापसी की संभावनाओं को लेकर कहा कि ऐसा होना फिलहाल मुश्किल है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह नेहरू, इंदिरा या फिर राजीव गांधी का वक्त नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां तक कि राजीव गांधी भी वापसी नहीं कर पाए थे।
उन्होंने कहा कि सिर्फ इंदिरा गांधी चुनावी हार के बाद वापसी कर पाई थीं। उन्होंने कहा कि इसकी वजह यही थी कि इंदिरा गांधी जमीनी नेता थीं। उन्होंने किशोरावस्था में आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया था। इसलिए हर चीज से वह गुजरी थीं। वह लोगों के दिलों में बसी हुई थीं। मौजूदा लीडरशिप तो यह भी कहती है कि हमें 60 साल से ऊपर के लोग ही नहीं चाहिए। लेकिन यही तो नेताओं के आगे बढ़ने की उम्र होती है और जब लोग उन्हें गंभीरता से लेना शुरू करते हैं। यह गलत आकलन है कि 60 के बाद नेताओं को मौका न दिया जाए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इंदिरा गांधी ने तो तीन पीढ़ियों के साथ काम किया था। उनके साथ ऐसे नेता भी थे, जिनकी उम्र 20 साल से कुछ ही अधिक थी और ऐसे भी थे, जो 60 के पार थे। गुलाम नबी आजाद ने साफ कहा कि आज ऐसी स्थिति नहीं है। इसका मतलब है कि कुछ खामी है। यही नहीं गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर भी ज्यादा उम्मीद नहीं जताई। उन्होंने कहा कि मैं यह कह सकता हूं कि कांग्रेस में
कुछ भी बदला नहीं है। कांग्रेस में जहां भी राज्यों में संगठन मजबूत है, वहां अच्छे नतीजे आ सकते हैं।
'कांग्रेस लीडरशिप नहीं जिता सकती एक भी राज्य'
उन्होंने कहा कि जहां दूसरी पार्टियां स्टेट में या केंद्र में मजबूत हैं, वहां कांग्रेस हार जाती है। कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप यह दावा नहीं कर सकती कि वह किसी राज्य में जिता सकती है। यदि कहीं जीत मिलती है तो वह राज्य में संगठन की मजबूती और वहां किसी चेहरे के होने से मिलती है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व किसी की हार या जीत का दावा नहीं कर सकता।
मोदी की जमकर तारीफ, बोले- हर पार्टी में वन मैन शो
गुलाम नबी आजाद ने इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की। पीएम मोदी पर तानाशाही दिखाने के आरोपों पर भी उन्होंने उनका बचाव किया। आजाद ने कहा कि ऐसा कौन सा दल है, जहां वन मैन शो नहीं है। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा, लेकिन कोई क्षेत्रीय दल हो अथवा राष्ट्रीय, सभी का तो यही हाल है। उन्होंने कहा कि ऐसी कौन सी पार्टी है, जो किसी एक शख्स के इर्द-गिर्द ही नहीं घूमती। उन्होंने कहा कि असल में समस्या यही है कि हम दूसरे में खामियां तलाशते हैं, लेकिन अपने अंदर नहीं देखते।