असम पुलिस का बड़ा ऐक्शन, बाल विवाह कराने वाले काजी समेत आठ गिरफ्तार; लड़की को बचाया गया
गिरफ्तार किए गए लोगों में बिलाल उद्दीन नाम का दूल्हा, उसके पिता जहरौल इस्लाम, लड़की के पिता शब्बीर उद्दीन, काजी और परिवार के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं जो शादी कराने में शामिल थे।
असम के करीमगंज में पुलिस ने बाल विवाह कराने के प्रयास का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने एक काजी (निकाह रजिस्ट्रार) सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा कि उन्हें 20 मई की शाम को सूचना मिली और उन्होंने इसमें शामिल लोगों को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया।
शादी समारोह करीमगंज के पत्थरकांडी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कबरीबंद गांव में हो रहा था। पूरी व्यवस्था प्राइवेट थी और ज्यादा लोगों को आमंत्रित नहीं किया गया था। पत्थरकांडी पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी दीपक दास ने कहा, "जब हम मौके पर पहुंचे, तो दूल्हा और दुल्हन कुबूल कुबूल कह चुके थे, जो मुस्लिम विवाह की अंतिम रस्म है, लेकिन फिर भी हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और लड़की को बचा लिया।"
दास ने बुधवार को हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाइम्स (एचटी) को बताया कि लगभग 18 साल की उम्र के दूल्हे ने दावा किया कि वह लंबे समय से नाबालिग लड़की के साथ रिश्ते में था और जब उन्होंने शादी करने का फैसला किया, तो दोनों परिवार सहमत हो गए। दास ने कहा, "जन्म प्रमाण पत्र के अनुसार, लड़की 17 साल की है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह बहुत छोटी है। वह कक्षा-9 की छात्रा है।"
गिरफ्तार किए गए लोगों में बिलाल उद्दीन नाम का दूल्हा, उसके पिता जहरौल इस्लाम, लड़की के पिता शब्बीर उद्दीन, काजी और परिवार के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं जो शादी कराने में शामिल थे। पुलिस ने कहा कि सभी आठ व्यक्तियों के खिलाफ पथारकंडी पुलिस स्टेशन में बाल विवाह निषेध (पीसीएमए) अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने कहा, "उन सभी को मंगलवार को अदालत में पेश किया गया और न्यायाधीशों ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पीड़िता को आश्रय गृह भेज दिया गया है, जहां उसका बयान दर्ज किया जाएगा।"
असम सरकार ने पिछले साल बाल विवाह पर राज्यव्यापी कार्रवाई शुरू की थी, जिसके दौरान इस कृत्य का समर्थन करने के लिए 5000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि उनका लक्ष्य 2026 तक असम से बाल विवाह को पूरी तरह खत्म करने का है और लक्ष्य हासिल होने तक कार्रवाई जारी रहेगी। सरमा ने यह भी कहा कि वे बहुविवाह के खिलाफ एक कानून ला रहे हैं और वे विधेयक के मसौदे में बाल विवाह और लव-जिहाद के खिलाफ मजबूत बिंदु शामिल कर रहे हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।