Hindi Newsदेश न्यूज़delhi pollution level live updates air in ncr became more polluted

दिल्ली-NCR में प्रदूषण से राहत नहीं, जहरीली हवा के चलते दी गई ये सलाह

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से शनिवार को भी राहत मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है। शनिवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक बना हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स डाटा के अनुसार, लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5...

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, Sat, 2 Nov 2019 11:03 AM
share Share

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से शनिवार को भी राहत मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है। शनिवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर काफी खतरनाक बना हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स डाटा के अनुसार, लोधी रोड इलाके में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही 500 पहुंच गया जोकि 'गंभीर श्रेणी' में आता है।

दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में शनिवार सुबह स्मॉग की मोटी परत छाई रही। गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके में लोग मास्क लगाकर व्यायाम करते हुए दिखाई दिए। इंदिरापुरम में एयर क्वालिटी इंडेक्स 449 है। वहीं, नोएडा में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 451 (गंभीर श्रेणी) पर पहुंच गया।

वहीं, प्रदूषण की विकराल स्थिति में स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लोगों को कम से कम बाहर जाने की सलाह दी गई है। इप्का ने प्रदूषण की स्थिति नियंत्रण में आने तक बुजूर्गों, बच्चों को खुले में व्यायाम ना करने को भी कहा है।

इससे पहले शुक्रवार को दमघोटू हवा से लोगों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम -नियंत्रण प्राधिकरण ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया। स्कूलों में छुट्टी और निर्माण कार्यों पर रोक समेत कई सख्त पाबंदियां लगा दी गई। 

निर्माण कार्यों पर पूर्ण पाबंदी

दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है। इसके तहत दिल्ली, फरीदाबाद, गुरु्ग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में सभी तरह के निर्माण कार्यों में पांच नंवबर सुबह तक प्रतिबंध रहेगा। हॉट मिक्स प्लांट्स, स्टोन क्रेशर को भी बंद रखने का आदेश दिया गया है। 

पराली जलाने की दर में दो साल में 41 फीसदी की कमी आई'

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है दिल्ली एनसीआर में वायु की खराब गुणवत्ता पड़ोसी राज्यों में धान की पराली जलाने के कारण है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर शथपत्र में कहा है कि पिछले दो सालों में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की दर में 41 फीसदी की कमी आई है। लेकिन इसमें पंजाब का योगदान सबसे कम है वहां अब भी पराली जलाई जा रही है। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें