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मुफ्त राशन पर भारत खर्च करेगा 3 लाख करोड़, बजट से 50 फीसदी होगा ज्यादा

मोदी सरकार मुफ्त राशन पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह बजट अनुमान 2 लाख करोड़ रुपये से लगभग 50% अधिक है। दिसंबर तक फ्री खाद्यान्न योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना के विस्तार के चलते ऐसा मुमकिन है।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 21 Nov 2022 10:12 AM
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मुफ्त राशन पर भारत खर्च करेगा 3 लाख करोड़, बजट से 50 फीसदी होगा ज्यादा

मोदी सरकार मुफ्त राशन पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। यह बजट अनुमान 2 लाख करोड़ रुपये से लगभग 50% अधिक है। दिसंबर तक फ्री खाद्यान्न योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना के विस्तार के चलते ऐसा मुमकिन है। अनुमान यह भी है कि देश की 80 करोड़ की आबादी को मिलने वाले फ्री खाद्यान योजना के तहत यह दूसरी सबसे बड़ी सब्सिडी हो सकती है। इससे पहले कोरोना काल में सरकार ने इस फंड के लिए 3.4 करोड़ रुपये का आवंटन किया था।

इस बार चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार का खाद्य सब्सिडी बिल 3 लाख करोड़ रुपये को पार करने की संभावना है, जो बजट अनुमान 2 लाख करोड़ रुपये से लगभग 50% अधिक है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे मुख्य रूप से वजह दिसंबर तक मुफ्त खाद्यान्न योजना, पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का विस्तार है। अनुमान के मुताबिक, लगभग 80 करोड़ चिन्हित लाभार्थियों को अत्यधिक सब्सिडी वाले और मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने के लिए यह दूसरी सबसे बड़ी सब्सिडी होगी। 

इससे पहले बजट में दी गई अधिकतम राशि 2020-21 में 5.2 लाख करोड़ रुपये थी। लेकिन इस फंड के 3.4 लाख करोड़ रुपये का उपयोग भारतीय खाद्य निगम द्वारा राष्ट्रीय लघु बचत कोष से लिए गए ऋणों को निपटाने के लिए किया गया था। इससे सरकार के स्वामित्व वाले FCI का ब्याज का बोझ कम हो गया था, जिससे खाद्यान्न की आर्थिक लागत को कम करने में मदद मिली है। सरकार ने पीएमजीकेएवाई को सातवीं बार दिसंबर तक बढ़ाया है और अधिकारियों ने कहा कि इससे सब्सिडी में 1.2 लाख करोड़ रुपये की और बढ़ोतरी होने की संभावना है।

PMGKAY के तहत, सरकार प्रत्येक लाभार्थी को 5 किलो मासिक मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करती है। यह 5 किलो अत्यधिक सब्सिडी वाले गेहूं और चावल के अतिरिक्त है जो केंद्र इन लाभार्थियों में से प्रत्येक को हर महीने प्रदान करता है। सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को ढाल प्रदान करने के लिए अप्रैल 2020 में पीएमजीकेएवाई की शुरुआत की थी। इससे पहले खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि पीएमजीकेएवाई के सभी सात चरणों में कुल खर्च करीब 3.9 लाख करोड़ रुपए होगा।

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