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2024 में कांग्रेस को मिलेगी विपक्ष की ड्राइवर सीट? ममता के बाद उद्धव से मिले केजरीवाल; क्या हैं मायने

गौर करने वाली बात है कि कर्नाटक के शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया था। वहीं टीएमसी को निमंत्रण भेजा गया था पर ममता बनर्जी ने व्यस्तता का हवाला देकर किनारा कर लिया।

Ankit Ojha एजेंसियां, नई दिल्लीWed, 24 May 2023 09:40 AM
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की।  इस दौरान, केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सेवाओं के नियंत्रण से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) की लड़ाई में उद्धव का समर्थन मांगा।    
     
उद्धव से मुलाकात के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, 'आप' के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह और राघव चड्ढा तथा दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी भी केजरीवाल के साथ थीं। केजरीवाल बुधवार को ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से भी मिलकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ 'आप' की लड़ाई में उनका समर्थन मांगेंगे।
    
 इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए देशभर की यात्रा के तहत केजरीवाल और मान ने मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के वास्ते 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी।
    
इससे एक हफ्ते पहले ही उच्चतम न्यायालय ने पुलिस, लोक सेवा और भूमि से संबंधित विषयों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सौंप दिया था। किसी अध्यादेश को छह महीने के भीतर संसद की मंजूरी मिलना आवश्यक होता है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार संसद के मानसून सत्र में इस अध्यादेश से संबंधित विधेयक पेश कर सकती है।

क्या हैं मायने
गौर करने वाली बात है कि कर्नाटक के शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया था। वहीं टीएमसी को निमंत्रण भेजा गया था पर ममता बनर्जी ने व्यस्तता का हवाला देकर किनारा कर लिया। अरविंद केजरीवाल विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यही है कि क्या 2024 में कांग्रेस विपक्षी एकता की ड्राइवर सीट पर सवार हो पाएगी या उसे किसी के पीछे चलना होगा। इसमें शक नहीं है कि कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस की लोकप्रियता बढ़ी है पर क्षेत्रीय दल अपना महत्व कम नहीं होने देना चाहते। (एजेंसी से इनपुट के साथ)

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