फेम पाना चाहता था सेना का जवान, खुद ही रची PFI हमले की कहानी; पुलिस को मिले सबूत
इससे पहले कोल्लम जिले के कडक्कल शहर की पुलिस ने सेना के जवान की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था और मामले के तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की थी। सैनिक का नाम शाइन कुमार है।
केरल पुलिस ने भारतीय सेना के एक जवान और उसके दोस्त को हिरासत में लिया है। दरअसल सेना के जवान ने आरोप लगाया था कि रविवार रात उस पर छह लोगों ने हमला किया और उसकी पीठ पर "पीएफआई" लिख दिया। अब पुलिस का कहना है कि ये सभी आरोप फर्जी हैं और खुद को पीड़ित बताने वाले जवान ने ही सारा ड्रामा रचा था। पुलिस ने सेना के जवान और उसके दोस्त को झूठा बयान देने के आरोप में हिरासत में लिया है।
इससे पहले कोल्लम जिले के कडक्कल शहर की पुलिस ने सेना के जवान की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था और मामले के तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच शुरू की थी। सैनिक का नाम शाइन कुमार है। उन्होंने दावा किया कि उनके घर के बगल में रबर के जंगल में छह लोगों के एक गिरोह ने उन पर हमला किया। उन्होंने कहा कि गिरोह ने उनके हाथ टेप से बांध दिए और उनकी पीठ पर हरे रंग से "पीएफआई" लिख दिया। बता दें कि "पीएफआई" (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) एक प्रतिबंधित संगठन है। आतंकी फंडिंग व अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद इस कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को प्रतिबंधित कर दिया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और सिपाही शाइन कुमार और उसके दोस्त के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि उनके बयानों का सत्यापन करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि खुद सैनिक के दोस्त ने दावा किया है कि वह (सैनिक) मशहूर होना चाहता था और इसीलिए इस पूरी वारदात को अंजाम दिया गया। अधिकारी ने आगे कहा कि सिपाही इस तरह के गलत बयान देने के लिए कई कारण बता रहा है, और उन्हें सत्यापित किया जाना है।
पुलिस ने दोस्त के घर से कथित तौर पर घटना में इस्तेमाल किया गया हरा पेंट, ब्रश और टेप भी बरामद कर लिया। सिपाही के दोस्त ने मीडिया को बताया कि शाइन कुमार ने मशहूर होने के लिए पूरी योजना बनाई थी। कथित तौर पर जो हुआ उसका विवरण देते हुए, दोस्त ने दावा किया कि शाइन कुमार ने उससे अपनी पीठ पर 'पीएफआई' लिखने और उसे पीटने के लिए कहा था।
दोस्त ने कहा, "मैं नशे में था, इसलिए मैंने शुरू में डीएफआई लिखा, लेकिन उन्होंने (कुमार) कहा कि पीएफआई लिखो। इसलिए मैंने इसे पीएफआई बना दिया। फिर उन्होंने मुझसे उसे पीटने के लिए कहा, लेकिन मैंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि मैं नशे में था।" दोस्त ने दावा किया, "फिर उसने मुझसे उसे जमीन पर खींचने और लेटने के लिए कहा, लेकिन मैं नशे की हालत में ऐसा नहीं कर सका। इसलिए उसने मुझसे उसके मुंह और हाथों पर टेप लगाने और फिर वहां से चले जाने को कहा। फिर मैंने वैसा ही किया।"
शिकायत के मुताबिक, यह घटना सेना के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स (ईएमई) कोर में तैनात जवान की छुट्टी के आखिरी दिन हुई। शिकायत के बाद, पुलिस ने छह पहचाने जाने योग्य व्यक्तियों के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी सभा, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने और गलत तरीके से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया था। जांच में पुलिस की मदद के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस के जवान भी मौके पर पहुंचे थे।