मोदी के साथ 69 मंत्री ले सकते हैं शपथ, सहयोगी दलों से सबसे ज्यादा नए चेहरे; तीसरी बार भी दिग्गजों पर भरोसा
पीएम मोदी के साथ लगभग 69 मंत्री शपथ ले सकते हैं। जिन नए चेहरों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी वह ज्यादातर भाजपा की सहयोगी पार्टियों से होंगे।
मनोनीत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार शाम को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। उनके साथ शपथ लेने वाली मंत्रिपरिषद में कई प्रमुख चेहरे शामिल कर हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, निवर्तमान सरकार में गृहमंत्री रहे अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के अलावा इसके अन्य वरिष्ठ सदस्य पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, गजेन्द्र सिंह शेखावत और हरदीप सिंह पुरी के नई सरकार का हिस्सा होने की पूरी संभावना है। संभावित मंत्रियों के साथ सुबह चाय पर मुलाकात के बाद मोदी ने उन्हें संबोधित भी किया।
इन दिग्गजों को रखा गया कैबिनेट से दूर
आधिकारिक तौर पर जारी किए गए एक वीडियो के अनुसार, करीब 69 मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है। साल 2014 से यह एक परंपरा सी बन गई है कि मोदी मंत्रिपरिषद के गठन से पहले नेताओं को चाय पर बुलाते हैं और फिर कमाबेश वही चेहरे मंत्री पद की शपथ लेते हैं। हालांकि, संभावित मंत्रियों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर से जीत हासिल करने वाले निवर्तमान सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर उन नेताओं में शामिल नहीं दिखे, जिन्हें मोदी ने चाय पर बुलाया था और फिर बाद में उन्हें संबोधित किया था। अमेठी से बड़ी हार का सामना करने वाली निवर्तमान मंत्री स्मृति ईरानी और चुनाव जीतने वाले पुरुषोत्तम रूपाला को भी नई सरकार में जगह मिलने की संभावना नहीं है। करीबी मुकाबले में शशि थरूर से हारने वाले राजीव चंद्रशेखर को भी नई सरकार से दूर रखा जा सकता है।
भरोसेमंद चेहरों को भी दी जाएगी अहमियत
आधिकारिक सूत्रों द्वारा साझा की गई बैठक की तस्वीरों के अनुसार, हालांकि अधिकतर निवर्तमान मंत्री पद पर बने रहने वाले हैं। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नये चेहरों में मनोहर लाल खट्टर, सी आर पाटिल, शिवराज सिंह चौहान, बंडी संजय कुमार और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल हैं। सरकार में ज्यादातर नये चेहरे भाजपा के सहयोगी दलों से हैं। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के राम मोहन नायडू, चंद्रशेखर पेम्मासानी, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर, शिवसेना के प्रतापराव जाधव के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी, जनता दल (सेक्यूलर) के एच डी कुमारस्वामी, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के जयंत चौधरी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास आठवले और अपना दल (एस) अनुप्रिया पटेल मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, प्रह्लाद जोशी, गिरिराज सिंह, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह, एसपीएस बघेल, अन्नपूर्णा देवी, वीरेंद्र कुमार, पंकज चौधरी, शोभा करंदलाजे, कृष्ण पाल गुर्जर और एल मुरुगन भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। भाजपा के जी किशन रेड्डी, सुकांत मजूमदार, राव इंद्रजीत सिंह, नित्यानंद राय और भागीरथ चौधरी के भी नई सरकार का हिस्सा होने की संभावना है।
यूपी और महाराष्ट्र को कौन होगा शामिल
उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद जितिन प्रसाद और महाराष्ट्र से रक्षा खडसे के भी नई सरकार का हिस्सा होने की उम्मीद है। खडसे ने मीडिया से पुष्टि की कि उन्हें सरकार का हिस्सा बनने के लिए फोन आया है। भाजपा के भीतर भी अटकलें हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को सरकार में वापस लाया जा सकता है। भाजपा अध्यक्ष के रूप में उनका विस्तारित कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है। सुबह मोदी से मिलने वाले नेताओं में वह भी शामिल थे। हालांकि, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह सत्तारूढ़ दल के प्रमुख के रूप में बैठक में मौजूद थे। वह प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल में मंत्रिपरिषद के सदस्य थे। वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें उनके 'प्रोफाइल' के कारण मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। इसकी मुख्य वजह पंजाब में पैर जमाने की भाजपा को कोशिश हो सकती है। इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा वहां अपना खाता भी नहीं खोल सकी है। रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ और ओडिशा से भाजपा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम के भी शपथ लेने की संभावना है।
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