मनमोहन सिंह का निधन व्यक्तिगत नुकसान, सोनिया गांधी ने पूर्व पीएम को 'दोस्त' के तौर पर किया याद
- सोनिया गांधी ने शोक संदेश में कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता के प्रतीक थे। उन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की।'
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को अपने लिए बड़ी व्यक्तिगत क्षति करार दिया। उन्होंने कहा कि वह उनके लिए मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। कांग्रेस पार्टी के लोग और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व करेंगे। साथ ही, आभारी रहेंगे कि मनमोहन सिंह ऐसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है। मनमोहन सिंह का गुरुवार रात को निधन हो गया। वह 92 साल के थे। वर्ष 2004 से 2014 के दौरान जब सिंह प्रधानमंत्री थे, तो उस समय सोनिया गांधी कांग्रेस और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की प्रमुख थीं।
सोनिया गांधी ने शोक संदेश में कहा, ‘डॉ मनमोहन सिंह के निधन से हमने एक ऐसा नेता खो दिया है जो ज्ञान, बड़प्पन और विनम्रता के प्रतीक थे। उन्होंने पूरे दिल और दिमाग से हमारे देश की सेवा की। वह कांग्रेस पार्टी के लिए मार्गदर्शन करने वाले प्रकाशपुंज थे। उनकी करुणा और दूरदर्शिता ने लाखों भारतीय नागरिकों के जीवन को बदल दिया और सशक्त बनाया।’ उन्होंने कहा कि उनके शुद्ध हृदय और उत्कृष्ट दिमाग के कारण उन्हें भारत के लोग बहुत प्यार करते थे।
'दुनिया भर के नेताओं और विद्वानों ने दिया सम्मान'
सोनिया गांधी के अनुसार, मनमोहन सिंह के परामर्श, बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह और विचारों की हमारे देश के राजनीतिक क्षेत्र में उत्सुकता से मांग की जाती थी और उन्हें गहराई से महत्व दिया जाता था। दुनिया भर के नेताओं और विद्वानों की ओर से उनका सम्मान और प्रशंसा की गई। उन्हें अपार ज्ञान और कद के राजनेता के रूप में सराहा गया। सोनिया ने कहा कि मनमोहन सिंह ने उनकी ओर से संभाले गए प्रत्येक उच्च पद पर प्रतिभा और विशिष्टता लाई। उन्होंने भारत को गौरव और सम्मान दिलाया। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘मेरे लिए मनमोहन सिंह का निधन एक बड़ी व्यक्तिगत क्षति है। वह मेरे मित्र, दार्शनिक और मार्गदर्शक थे। वह अपने व्यवहार में बहुत सौम्य थे, लेकिन अपने गहरे विश्वासों में बहुत दृढ़ थे।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता गहरी और अटूट थी। सोनिया गांधी ने इस बात का उल्लेख किया, ‘उनके साथ कोई भी समय बिताने का मतलब उनके ज्ञान और दूरदर्शिता से प्रबुद्ध होना, उनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से प्रभावित होना और उनकी वास्तविक विनम्रता से आश्चर्यचकित होना था। वह हमारे राष्ट्रीय जीवन में एक ऐसा शून्य छोड़ गए हैं, जिसे कभी नहीं भरा जा सकता।' सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और भारत के लोग हमेशा इस बात पर गर्व करेंगे। हम आभारी रहेंगे कि हमारे पास डॉ. मनमोहन सिंह जैसे नेता थे, जिनका भारत की प्रगति और विकास में योगदान अतुलनीय है।