IAS अफसर के घर रेड मारने पहुंची CBI तो भिड़ गए नौकरशाह; हाई वोल्टेज ड्रामा: आत्महत्या की धमकी
वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप लगाया कि सीबीआई टीम ने उनका मोबाइल फोन ले लिया और बालासोर जिले में उनके पैतृक गांव में भी तलाशी ली।
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ओडिशा के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी विष्णुपद सेठी की मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम के साथ तब भिड़ गए और दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हो गई, जब जांच एजेंसी के अधिकारी रिश्वत से जुड़े एक मामले में उनके घर की तलाशी लेने पहुंचे। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों द्वारा आवास की तलाशी लेने के बाद सेठी ने नाम और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने की धमकी दी।
10 लाख रुपये के रिश्वत मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम मंगलवार की सुबह 8 बजे सेठी के आधिकारिक आवास पर पहुंची थी। सेठी ने कहा कि मामले में निर्दोष होने के बावजूद कोई भी उनकी बात नहीं सुन रहा है, ऐसे में वह आत्महत्या कर सकते हैं। आईएएस अधिकारी ने अपने आवास के बाहर और सीबीआई अधिकारियों की उपस्थिति में पत्रकारों से कहा, "मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं और उत्पीड़न के कारण आत्महत्या कर सकता हूं।"
उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई टीम ने उनका मोबाइल फोन ले लिया और बालासोर जिले में उनके पैतृक गांव में भी तलाशी ली। उन्होंने कहा, "तलाशी के दौरान वे स्थानीय पुलिस को भी नहीं लाए।" साल 1995 बैच के आईएएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि दलित होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया, ''वे सोचते हैं कि हम घटिया लोग हैं क्योंकि मेरे पास कोई राजनीतिक समर्थन नहीं है और मैं एक वंचित समुदाय से हूं। इसके लिए मुझे निशाना बनाया जाता है।''
वरिष्ठ नौकरशाह ने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा सीबीआई के साथ सहयोग किया है और पहले भी दो बार एजेंसी के सामने पेश हुए हैं। उन्होंने टीम में दो अधिकारियों के व्यवहार पर निराशा व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया, "हालांकि, कोई भी मेरी बात नहीं सुनता और मेरे नाम कोई प्राथमिकी नहीं है।" सेठी ने कहा, “आप (संवाददाता) देख रहे हैं कि जब मैं मीडिया से बात कर रहा होता हूं तो एक निरीक्षक बार-बार मेरे कंधे को कैसे छू रहा है।”
मौके पर मौजूद सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि अधिकारी के साथ ऐसा कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ जैसा कि आरोप लगाया गया है। अपने आवास पर सीबीआई अधिकारियों से घिरे सेठी ने कहा, "सीबीआई अधिकारियों ने मेरे आवास पर तलाशी ली, जबकि मेरे खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है। वे मुझे और मेरे परिवार को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "वे (सीबीआई अधिकारी) बिना किसी पूर्व सूचना के मेरे घर की तलाशी लेने आए और उनकी आठ सदस्यीय टीम में कोई महिला अधिकारी शामिल नहीं है। पुरुष अधिकारियों ने मेरे घर की तलाशी ली, जबकि मेरी पत्नी घर में थीं।" सेठी की पत्नी ने संवाददाताओं से कहा, ''हमें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है और परेशान किया जा रहा है।'' रिश्वतखोरी मामले में सीबीआई ने पहले सेठी को तलब किया था।
सेठी ने दावा किया कि उनका सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रम ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड या उसके समूह महाप्रबंधक चंचल मुखर्जी से कोई संबंध नहीं है, जिन्हें पिछले साल रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने सात दिसंबर को मुखर्जी को कथित रूप से भुवनेश्वर स्थित पेंटा ए स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष मोहरणा और बिचौलिया देबदत्ता महापात्रा से रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया था।
तीनों की गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने 10 दिसंबर को सेठी को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया था। सेठी को भेजे नोटिस में कहा गया था, "ऐसा ज्ञात हुआ है कि आप इस मामले से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों और परिस्थितियों से परिचित हैं जिन्हें आपसे समझना आवश्यक है।" सीबीआई ने पिछले साल सेठी के वाहन चालकों से भी पूछताछ की थी।
इस बीच, कथित तौर पर सेठी द्वारा लिखा गया एक हस्तलिखित इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है, जिसे पीटीआई द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका। मुख्य सचिव को संबोधित पत्र में कहा गया है, "विरोध स्वरूप इस्तीफा दे रहा हूं।" हालांकि, पत्र की प्रामाणिकता की पुष्टि न तो सेठी ने की और न ही सरकार ने। मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला।