Hindi Newsदेश न्यूज़SC refers plea on including political parties under PoSH Act to Election Commission

राजनीतिक दल POSH एक्ट के तहत आएंगे या नहीं इस पर चुनाव आयोग करे फैसला- सुप्रीम कोर्ट

  • सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक पार्टियों को POSH एक्ट यानी यौन उत्पीड़न अधिनियम के तहत शामिल करने संबंधी याचिका चुनाव आयोग को रेफर कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले पर चुनाव आयोग को ही फैसला लेना चाहिए।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानMon, 9 Dec 2024 02:50 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम और निवारण) अधिनियम, 2013 (POSH एक्ट) के तहत राजनीतिक दलों को शामिल करने की मांग चुनाव आयोग को रेफर कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि इस मामले में चुनाव आयोग से संपर्क करे। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन के लिए जिम्मेदार होने के नाते आयोग ऐसी शिकायतों के लिए स्वाभाविक जगह है। सुनवाई के दौरान पीठ ने केरल हाईकोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया जिसने पहले राजनीतिक पार्टियों पर POSH लागू करने से इनकार कर दिया था।

कोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका में राजनीतिक पार्टियों पर POSH एक्ट लागू करने का तर्क दिया गया था। इसमें कानून के प्रावधानों, विशेष रूप से यौन उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान के लिए इंटरनल कंप्लेंट कमिटी (आईसीसी) के गठन संबधिंत कमियों का हवाला दिया गया। याचिका में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सहित प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को नामित किया गया है।

कोर्ट में याचिका दायर करने वाले योगमाया एमजी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील शोभा गुप्ता ने कहा है कि वो चुनाव आयोग का रुख करेंगी। शोभा गुप्ता ने पीठ को सूचित किया कि यह याचिका राजनीतिक पार्टियों में शिकायत तंत्र के अभाव को देखते हुए दायर की गई है। उन्होंने तर्क दिया कि इसकी वजह से महिलाएं राजनीतिक क्षेत्रों में असुरक्षित महसूस करती हैं। याचिका में कहा गया है, "पारदर्शिता की कमी, अपर्याप्त संरचनाएं और आईसीसी का असंगत कार्यान्वयन महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने में विफल रहती है।"

रिपोर्ट: उत्कर्ष आनंद

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