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सुप्रीम कोर्ट ने पूछा दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक के क्या हाल, जवाब सुन जज भी रह गए हैरान

  • सोमवार को प्रदूषण की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ को उस समय झटका लगा जब उन्हें पता चला कि दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद भी कोर्ट परिसर में निर्माण कार्य जारी है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 18 Nov 2024 08:02 PM
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दिल्ली की जहरीली हवा से दिल्लीवासियों का जीना मुहाल है। सुप्रीम कोर्ट में भी लगातार इसे लेकर याचिकाएं लगाई जा रही है, जिनके ऊपर सुनवाई जारी है। सोमवार को प्रदूषण की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ को उस समय झटका लगा जब उन्हें पता चला कि दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक के बावजूद भी कोर्ट परिसर में निर्माण कार्य जारी है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की पीठ दिल्ली में गिर रहे वायु गुणवत्ता सूचकांक को लेकर दिल्ली सरकार से पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान जब पीठ की तरफ से पूछा गया कि निर्माण कार्य पर प्रतिबंध की निगरानी कौन कर रहा है तो याचिकार्ता और पेशे से वकील गोपाल शंकरनारायणन ने तुरंत जवाब दिया कि दिल्ली में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध के बावजूद भी कोर्ट परिसर के अंदर पिछले 11 दिनों से निर्माण कार्य चल रहा है। पत्थर तोड़े जा रहे हैं, हवा में धूल उड़ रही है। वरिष्ठ वकील की बात को सुनकर जस्टिस ओका ने तुरंत ही कोर्ट के जनरल सेक्रेटरी को कोर्ट के अंदर बुलाने का आदेश दिया।

पिछले कुछ दिनों की ही तरह सोमवार को भी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के आसपास ही रहा। अदालत ने आज राजधानी में जीआरएपी के तहत सख्त प्रतिबंधों को न लागू करने में देरी करने पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई। पीठ ने कहा कि आयोग एक्यूआई में सुधार के लिए इंतजार नहीं कर सकता। हमें जल्दी ही कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र के सभी राज्यों को GRAP 4 प्रतिंबधों को लागू करने और उनके कार्यान्वयन की निगरानी करने और सख्त अनुपालन करने के लिए समितियां गठित करनी होंगी।

कोर्ट ने कहा कि एक्यूआई अगर 450 अंक से नीचे भी चला जाता है तब भी GARP 4 के प्रतिबंध लागू रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि इस अदालत के अगले आदेश तक, चरण 4 का कार्यान्वयन जारी रहेगा, भले ही AQI 450 से नीचे चला जाए। सभी राज्य और केंद्र सरकारें गुरुवार तक अनुपालन हलफनामा दाखिल करें।

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