वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर बवाल; संघर्ष समिति ने बंद 72 घंटे और बढ़ाया, क्या मांगें
- जुगल किशोर शर्मा ने कहा, ‘समिति ने बंद को 72 घंटे तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। वे मांग कर रहे हैं कि त्रिकुटा पहाड़ियों में रोपवे परियोजना को रद्द किया जाए और हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा किया जाए।'
श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने प्रस्तावित रोपवे परियोजना को स्थगित करने की मांग रखी है। साथ ही, माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने सहित अपनी मांगों को लेकर बंद को 72 घंटे के लिए बढ़ा दिया। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में प्रस्तावित रोपवे प्रोजेक्ट के विरोध में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन कटरा पूर्ण रूप से बंद रहा। कई महिलाएं और बच्चे धरने में शामिल हुए, जबकि युवाओं ने तीसरे दिन भी अपनी भूख हड़ताल जारी रखी। वे पहले के प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की ओर से हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मंत्री जुगल किशोर शर्मा ने कहा, ‘समिति ने बंद को 72 घंटे तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। वे मांग कर रहे हैं कि त्रिकुटा पहाड़ियों में रोपवे परियोजना को रद्द किया जाए और हिरासत में लिए गए लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। इस आंदोलन में सभी दल एकमत हैं। यहां विभिन्न दलों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। रोपवे परियोजना के खिलाफ उनकी लड़ाई में सभी एकजुट हैं।’ शर्मा ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने बुधवार को बंद का आह्वान किया था। समिति ने कहा कि बंद के दौरान कटरा में सभी गतिविधियां स्थगित रहेंगी।
250 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे लगाने की योजना
पूरे शहर में काले झंडे लगाए गए और दुकानें, रेस्तरां और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान तीसरे दिन भी बंद रहे। साथ ही, वाहनों की आवाजाही ठप रही। समिति के प्रवक्ता ने कहा, ‘यह बंद रोपवे परियोजना के खिलाफ हमारे शांतिपूर्ण विरोध का हिस्सा है। समिति जल्द ही अगली कार्रवाई पर फैसला करेगी।’ पिछले महीने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने 250 करोड़ रुपये की लागत से रोपवे लगाने की योजना की घोषणा की थी। इसका मकसद गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबी यात्रा करने में असमर्थ विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों की मंदिर तक पहुंच को आसान बनाना है।