Hindi Newsहिमाचल प्रदेश न्यूज़kashmiri hawkers allege told to go back not allowed to trade in himachal pradesh file complaint

वापस जाओ; शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे कश्मीरी फेरीवाले; एसपी ने क्या बताया

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं पुलिस स्टेशन में 22 कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इन सभी का आरोप है कि उन्हें अपना माल बेचने से रोका जा रहा है और राज्य छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, बिलासपुरFri, 27 Dec 2024 02:21 PM
share Share
Follow Us on
वापस जाओ; शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे कश्मीरी फेरीवाले; एसपी ने क्या बताया

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं पुलिस स्टेशन में 22 कश्मीरी शॉल विक्रेताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इन सभी का आरोप है कि उन्हें अपना माल बेचने से रोका जा रहा है और राज्य छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है। फेरीवालों ने सबसे पहले घुमारवीं में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) से संपर्क किया, जिन्होंने उनकी शिकायत स्थानीय पुलिस को भेज दी।

वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को घुमारवीं व्यापार मंडल से जुड़े कश्मीरी फेरीवालों और स्थानीय दुकानदारों के बीच व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा बताया है। पुलिस मामले की जांच जारी है। हालांकि फेरीवालों ने अपनी शिकायत में किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है, लेकिन पुलिस को शक है कि कथित अपराधी स्थानीय दुकानदार हैं। फेरीवालों ने बताया कि ऊनी कपड़े बेचने से पहले उन्होंने इस महीने की शुरुआत में घुमारवीं पुलिस स्टेशन में अपने पहचान पत्र जमा कराए थे।

बिलासपुर के पुलिस सुपरिटेंडेंट (एसपी) संदीप धवल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'हमें घुमारवीं पुलिस स्टेशन से शिकायत मिली है। पिछले साल कश्मीरी फेरीवालों और स्थानीय दुकानदारों के बीच इसी तरह का विवाद हुआ था, जिन्होंने फेरीवालों की वजह से वित्तीय नुकसान होने का दावा किया था। किसी भी तरह के हमले की सूचना नहीं मिली है। हमने बिलासपुर में डिप्टी कमिश्नर ऑफिस से मध्यस्थता करने और मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने का अनुरोध किया है। अगले एक या दो दिन में दोनों पक्षों के बीच बैठक होने की उम्मीद है।'

कुपवाड़ा के 56 साल के कश्मीरी फेरीवालों में से एक जब्बार काका ने कहा, 'मैं और कुपवाड़ा के मेरे साथी करीब 30 सालों से यहां आ रहे हैं। हालांकि, पिछले दो सालों में हमें स्थानीय समाज के विभिन्न वर्गों, जिसमें दुकानदार भी शामिल हैं, से अप्रत्याशित विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, कोई फिजिकल हमला नहीं हुआ है, लेकिन हमें धमकाया जा रहा है।' मुश्ताक नाम के दूसरे फेरीवाले ने कहा, 'गरीबी हमें अपनी आजीविका कमाने के लिए यहां लेकर आई है। हम नवंबर या दिसंबर में आते हैं और मार्च तक यहां रहते हैं। हम लुधियाना से थोक में सामान खरीदते हैं और यहां घर-घर और गांव-गांव जाकर बेचते हैं।'

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें