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9 साल तक सहमति से बनाया संबंध, अब पार्टनर पर लगाया रेप का इल्जाम; महिला के आरोप पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर लंबे समय तक चले शारीरिक संबंधों को कानून के तहत देर से अपराध की श्रेणी में डाला जाता है, तो इसके गंभीर सामाजिक और कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 27 Nov 2024 02:31 PM
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9 साल तक सहमति से बनाया संबंध, अब पार्टनर पर लगाया रेप का इल्जाम; महिला के आरोप पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसले में नौ साल तक चले सहमति आधारित रिश्ते को लेकर दर्ज दुष्कर्म और धोखाधड़ी के मामले में आरोपी के खिलाफ मामला खारिज कर दिया। अदालत ने ऐसे मामलों में कानून के दुरुपयोग और सहमति आधारित रिश्तों को अपराध का रूप देने की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जाहिर की।

न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर लंबे समय तक चले शारीरिक संबंधों को कानून के तहत देर से अपराध की श्रेणी में डाला जाता है, तो इसके गंभीर सामाजिक और कानूनी परिणाम हो सकते हैं।

पीठ ने टिप्पणी की, "ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या से यह रुझान साफ हो रहा है कि सहमति पर आधारित रिश्तों में जब दरार आती है, तो इन्हें आपराधिक बना देने की कोशिश की जाती है।"

यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट के 2018 के आदेश के खिलाफ दायर अपील का था, जिसमें आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने शादी का झूठा वादा करके उसका बार-बार यौन शोषण किया।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि महिला लंबे समय तक बिना शादी की शर्त के आरोपी के साथ संबंध में रही। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह रिश्ता सहमति से बना था और शादी का झूठा वादा करने का आरोप टिकाऊ नहीं है।

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