व्लादिमीर पुतिन सरकार ने पंजाब की फैमिली के लिए क्यों बढ़ाया मदद का हाथ
- यूक्रेन में रूसी सेना की तरफ से लड़ते हुए पंजाब के तेजपाल सिंह शहीद हो गए थे। अब रूस की पुतिन सरकार उनकी मदद के लिए आगे आई है और परिवार को परमानेंट रेजिडेंसी देने की पेशकश की है।
रूस की पुतिन सरकार ने रूसी सेना में शहीद हुए तेजपाल सिंह के घरवालों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। रूस उनके परिवार के लोगों को देश की नागरिकता के साथ-साथ उनके जीवन यापन और बच्चों की परवरिश के लिए आर्थिक मदद देगा। बीते मार्च में रूसी सेना की तरफ से यूक्रेन के जापोरिज्जिया में लड़ते हुए पंजाब के तेजपाल सिंह की मौत हो गई थी। अब रूस ने उनके परिवार के पांच सदस्यों को देश की परमानेंट रेजिडेंसी देने की प्रक्रिया शुरू की है। तेजपाल के परिवार ने बताया कि तेजपाल बचपन से ही सेना में भर्ती होना चाहते थे। काफी कोशिशों के बाद भी तेजपाल इंडियन आर्मी, अर्धसैनिक बलों और पंजाब पुलिस में जगह नहीं बना पाए। बाद में अपने परिवार के भरण-पोषण और अच्छी सैलरी देखकर वह रूसी सेना में शामिल हो गए। 12 जनवरी को उन्होंने परमिंदर को फोन करके बताया कि वह मॉस्को पहुंच गए हैं। अगले दिन उन्होंने फोन कर बताया कि उन्होंने रूसी सेना के शारीरिक और मेडिकल टेस्ट पास कर लिए हैं। 12 मार्च को जंग के दौरान उनकी मौत गई।
तेजपाल की विधवा परमिंदर कौर ने बताया है कि उन्हें रूस में परमानेंट रेजिडेंसी मिल गई है। वहीं उनके बच्चों और तेजपाल सिंह के माता-पिता को रूस पहुंचने पर PR दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रूसी सरकार ने बीते मार्च से उनके बच्चों की शिक्षा और बाकी खर्चों के लिए 20,000 रुपये का मासिक भत्ता भी देना शुरू कर दिया था। तेजपाल सिंह के परिवार में उनके मां-बाप और पत्नी के अलावा सात वर्षीय बेटे अरमानदीप सिंह और चार वर्षीय गुरनाजदीप कौर हैं। तेजपाल के माता-पिता को वहां पेंशन भी मिलेगी। हालांकि तेजपाल की विधवा ने बताया है कि फिलहाल उनकी रूस में स्थायी रूप से बसने की कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे वहां आते-जाते रहेंगे।
इस सप्ताह रूस से वापस लौटीं परमिंदर ने कहा कि हालांकि रूस उनके पति के पार्थिव शरीर को सौंपने को लेकर कोई जवाब नहीं दे रहा है। वह कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए फरवरी में मॉस्को जाएंगी। इससे पहले रूसी दूतावास के टूरिस्ट वीजा पर वह तीन महीने के लिए रूस गई थीं। परमिंदर ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए लोगों में उनके पति का नाम शामिल ना करने के लिए मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास से नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि तेजपाल का नाम लापता व्यक्तियों की सूची में शामिल है। परमिंदर ने कहा कि वह तीन बार दूतावास गईं लेकिन उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की इजाजत नहीं मिल रही है।