Hindi Newsदेश न्यूज़Retired judges will be able to be re-appointed in all High Courts as ad hoc big step by the Supreme Court

रिटायरमेंट के बाद भी जज सुना सकेंगे फैसले, SC ने दी एडहॉक पर रखने को मंजूरी

  • अब सभी हाई कोर्ट को यह अधिकार मिल गया है कि वे सेवानिवृत्त जजों को एड-हॉक (अस्थायी) जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश कर सकते हैं।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 30 Jan 2025 04:25 PM
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रिटायरमेंट के बाद भी जज सुना सकेंगे फैसले, SC ने दी एडहॉक पर रखने को मंजूरी

देशभर के हाई कोर्ट में लंबित पड़े आपराधिक मामलों से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम कदम उठाया है। जिसके मद्देनजर अब सभी हाई कोर्ट को यह अधिकार मिल गया है कि वे सेवानिवृत्त जजों को एडहॉक (अस्थायी) जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश कर सकते हैं।

इससे पहले, अप्रैल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा था कि सिर्फ उन्हीं हाई कोर्ट में एडहॉक जजों की नियुक्ति की जा सकती है जहां रिक्तियों की संख्या 20% से कम हो। लेकिन अब मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस शर्त को हटाते हुए उस आदेश के प्रभाव को अस्थायी रूप से स्थिगत कर दिया है। इस खास पहल से हाई कोर्ट में लंबित पड़े आपराधिक मामलों की संख्या को कम किया जा सकता है।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने लोक प्रहरी बनाम भारत सरकार मामले में फैसला सुनाते हुए पहली बार हाई कोर्ट में एडहॉक जजों की नियुक्ति की अनुमति दी थी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि यह एक नियमित प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए और नियमित नियुक्तियों का स्थान एडहॉक जज नहीं ले सकते।

तत्कालीन फैसले में कुछ शर्तें तय की गई थीं, जिनमें हाई कोर्ट में अगर 20% से अधिक पद खाली हैं, तभी एडहॉक जजों की नियुक्ति हो सकती है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने 20% रिक्ति की शर्त को हटा दिया है, जिससे हाई कोर्ट को अधिक लचीलापन मिल गया है और वे अपराध मामलों के निपटारे के लिए अधिक सेवानिवृत्त जजों को अस्थायी रूप से नियुक्त कर सकते हैं।

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