NRIs के लिए रिमोट वोटिंग, AI और बायोमीट्रिक; जाते-जाते CEC का चुनावों में क्रांतिकारी बदलाव का आह्वान
राजीव कुमार ने चुनावी खर्चों और राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले चुनावी वादों के लिए वित्तीय पारदर्शिता का भी आह्वान किया है।
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देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार 18 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उससे एक दिन पहले सोमवार को उन्होंने अपने विदाई भाषण में अपनी उन इच्छाओं को जाहिर कर चुनाव आयोग के कायापलट का आह्वान किया है। कुमार ने कहा कि आयोग को भविष्य में अनिवासी भारतीयों (NRIs) और प्रवासी श्रमिकों के लिए रिमोट वोटिंग का प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावों में वोट डालने के लिए बायोमीट्रिक का इस्तेमाल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर चुनावी पारदर्शिता में बड़ी क्रांति लाई जा सकती है।
इसके साथ ही कुमार ने चुनावी खर्चों और राजनीतिक दलों द्वारा किए जाने वाले चुनावी वादों के लिए वित्तीय पारदर्शिता का भी आह्वान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के द्वारा फैलाई जा रही फर्जी खबरों और बयानों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई का आह्वान किया है। निवर्तमान सीईसी ने कहा कि चुनावों में AI का इस्तेमाल चुनाव संपन्न कराने में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। कुमार ने मतदान केंद्र-वार मतदान पैटर्न में गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक योगमापी (टोटलाइजर) प्रणाली की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
अपने विदाई भाषण में कुमार ने उन दलों पर भी तीखा तंज कसा जिन्होंने आयोग का निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे और आरोप लगाया था कि ईवीएम हैक किया जा रहा है। कुमार ने कहा कि परिपक्व लोकतंत्र में ऐसे आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए। देश से बाहर रह रहे NRIs और राज्यों से बाहर रहनेवाले प्रवासी श्रमिकों के वोट डालने के अधिकारों पर उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि रिमोट वोटिंग के जरिए इसे साकार किया जाए और बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सही समय है कि अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को उनके स्थानों से मतदान करने का अधिकार दिया जाए।
कुमार ने कहा कि भारतीय चुनाव प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी और पारदर्शी चुनाव प्रणालियों में से एक है तथा देश लोकतंत्र का एक चमकता प्रकाश-स्तम्भ है। देश के 25वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त कुमार का भारतीय निर्वाचन आयोग में मंगलवार को आखिरी दिन है। उन्होंने राजधानी में आयोग के मुख्यालय पर आयोजित विदाई समारोह में कहा, “भारत को लोकतांत्रिक व्यवस्था अपने गुणों के साथ दुनिया के तमाम देशों के लिए प्रेरणा का विषय है। हमें अपनी इस 'सॉफ्ट पावर' (इस प्रतिष्ठा की शक्ति) का फायदा उठान चाहिए।” कुमार ने कहा, “मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मैं आयोग को अधिक समर्थ, प्रतिबद्ध और पेशेवर हाथों में छोड़कर विदा ले रहा हूं।”
उन्होंने आयोग को लेकर समय-समय पर उठाए जाने वाले सवालों का भी उल्लेख किया और कहा, “एक संस्था के रूप में चुनाव आयोग पर अक्सर अनुचित आरोप लगते रहते हैं और ये आरोप लोगों की तरफ से होते हैं, जो चुनावी परिणाम को स्वीकार करने को तैयार नहीं होते हैं।”उन्होंने चुनाव के बाद आयोग को निशाना बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को एक बड़ी चिंता का विषय बताया और कहा कि मान लिया गया है कि इस संस्था को बड़ी आसानी से बलि का बकरा बनाया जा सकता है। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)