कांग्रेस और भाजपा में क्या है अंतर? राहुल गांधी ने IIT के छात्रों के सवाल का दिया जवाब
- राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो पोस्ट करके कहा, ‘मुझे हाल ही में आईआईटी मद्रास के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं से बात करने का सौभाग्य मिला। साथ में, हमने जानने का प्रयास किया कि सफलता का वास्तव में क्या मतलब है।'
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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने युवाओं का बेहतर भविष्य बनाने को लेकर अपनी राय जाहिर की। शनिवार को उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के कुछ छात्रों के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल नहीं की जा सकती। राहुल ने इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच अंतर भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि संसाधनों का वितरण अधिक निष्पक्ष तरीके से करना चाहिए। विकास व्यापक और समावेशी होना चाहिए। कांग्रेस सांसद ने बीजेपी को लेकर कहा, 'आर्थिक नजरिए से वे 'ट्रिपल-डाउन' में विश्वास करने वाले लोग हैं। सामाजिक मोर्चे पर हमारा मानना है कि समाज जितना ज्यादा सामंजस्यपूर्ण होगा, जितने कम लोग आपस में लड़ेंगे, यह स्थिति देश के लिए उतनी ही बेहतर होगी।'
राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘मुझे हाल ही में आईआईटी मद्रास के कुछ प्रतिभाशाली युवाओं से बात करने का सौभाग्य मिला। साथ में, हमने जानने का प्रयास किया कि सफलता का वास्तव में क्या मतलब है। हमने भारत के भविष्य को आकार देने में रिसर्च, शिक्षा की अहम भूमिका और एक ऐसे उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की जो निष्पक्षता, नवाचार और सभी के लिए अवसर को महत्व देता है।’
'भारतीय शिक्षा प्रणाली पर फिर से विचार की जरूरत'
राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि अपने युवाओं को शिक्षित करने, बेहतर कल की कल्पना को साकार करने और भारत को वैश्विक नेतृत्वकर्ता में बदलने के लिए भारतीय शिक्षा प्रणाली को लेकर फिर से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘वर्तमान में हमारा शिक्षा ढांचा अकसर युवाओं को कुछ करियर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस, या सशस्त्र बल तक सीमित कर देता है।’ उन्होंने कहा कि यह विभिन्न अवसरों को खोलने, छात्रों को अपनी आकांक्षा को पूरा करने और नवाचार व पसंद से प्रेरित भविष्य बनाने के लिए सशक्त बनाने का समय है।
'निजीकरण ने नहीं हासिल होने वाला लक्ष्य'
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यह बातचीत केवल विचारों के बारे में नहीं थी, यह समझने के बारे में भी थी कि हम भारत को विश्व मंच पर समानता और प्रगति की शक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए कैसे मिलकर काम कर सकते हैं। उनके विचारशील प्रश्नों और ताजा दृष्टिकोण ने इसे वास्तव में प्रेरणादायक बातचीत बना दिया।’ उन्होंने वीडियो एक्स पर पोस्ट कर कहा, ‘मानना है कि अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी देना किसी भी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। इसे निजीकरण और वित्तीय प्रोत्साहन के माध्यम से हासिल नहीं किया जा सकता। हमें शिक्षा अधिक पैसा खर्च करने तथा सरकारी संस्थानों को मजबूत करने की जरूरत है।’
(एजेंसी इनपुट के साथ)