पूर्व CM जगनमोहन और बहन शर्मिला में गहराया संपत्ति विवाद, मां ने क्यों दिया बेटी का साथ
विजयम्मा ने खुली चिट्ठी में अपने परिवार के बारे में फैलाए जा रहे निराधार दावों की निंदा की है और कहा कि इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये न तो मेरे बच्चों के लिए अच्छा है, न ही राज्य के लिए।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और YSR कांग्रेस चीफ जगन मोहन रेड्डी और उनकी बहन एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला के बीच संपत्ति का विवाद गहरा गया है। दोनों भाई बहन के बीच विरासत में मिली करोड़ों की संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। अब उनकी मां और दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी की पत्नी विजयम्मा ने एक खुला पत्र लिखकर बेटी शर्मिला का साथ दिया है। अपनी चिट्ठी में विजयम्मा ने कहा है कि यह उनका फर्ज है कि उस बच्चे के लिए आवाज उठाएं, जिसके साथ अन्याय हुआ है।
विजयम्मा ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि बतौर एक मां जिस बच्चे के साथ अन्याय हुआ है, उसके लिए आवाज उठाना मेरा फर्ज बनता है। उन्होंने आगे लिखा, "परिवार में ये सब होते देखना मेरे लिए बहुत दर्दनाक है। मेरे दिवंगत पति राजशेखर रेड्डी, हमारे बच्चे और मैं एक खुशहाल परिवार में थे। मैं यह समझने में लाचार हूं कि हमारा परिवार आखिर ऐसी कठिनाइयों का सामना क्यों कर रहा है। इसे रोकने की कोशिशों के बावजूद, बदकिस्मती से सब घटनाएं मेरी आंखों के सामने घटित हो रही हैं।"
मां की चिट्ठी पर पलटवार
मां की फर्ज वाली चिट्ठी के जवाब में जगन मोहन रेड्डी की तरफ से उनकी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी एक खुला पत्र जारी किया है और आरोप लगाया है कि "मां विजयम्मा तटस्थ नहीं हैं"। जगन रेड्डी के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा कि विजयम्मा ने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले और बाद में शर्मिला और कांग्रेस का समर्थन किया है। बता दें कि इसी साल हुए विधानसभा चुनावों में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी की हार हुई थी, जिसकी वजह से टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू फिर से सत्ता में लौट सके। YSRCP ने यह भी आरोप लगाया है कि वाईएस शर्मिला उस पार्टी में शामिल हुईं, जिसने जगन रेड्डी को जेल में डाला था।
विजयम्मा ने खुली चिट्ठी में अपने परिवार के बारे में फैलाए जा रहे निराधार दावों की निंदा की है और कहा कि इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये न तो मेरे बच्चों के लिए अच्छा है, न ही राज्य के लिए। उन्होंने चिट्ठी लिखने से पहले अपनी दुविधा के बारे में भी लिखा है और कहा है, "मैं इस बारे में बात करने में झिझक रही थी, लेकिन अब वक्त की मांग ही ऐसी है कि मुझे सामने आना पड़ रहा है। मैं उन लोगों से विनती करती हूं जिन्होंने हमारे परिवार के बारे में गलत बातें की हैं, वे ऐसा करना बंद करें।"
जगनमोहन के CM बनने के पीछे शर्मिला भी
उन्होंने आगे लिखा कि शर्मिला पारिवारिक व्यवसाय में शामिल नहीं थी, लेकिन जगन रेड्डी के निर्देशों पर राजनीति में निस्वार्थ रूप से काम करती थी। विजयम्मा ने लिखा, "जगन की सत्ता में ऊंचाई हासिल करने के पीछे शर्मिला की भी मेहनत है। एक मां के लिए सभी बच्चे समान हैं। एक बच्चे के साथ हो रहे अन्याय को देखना दर्दनाक है।" उन्होंने लिखा, "खून पानी से ज़्यादा गाढ़ा होता है, मेरे बच्चे खुद जवाब देंगे। मुझे भगवान पर भरोसा है, जो उनकी समस्याओं को हल करेंगे।"
पति ने नहां बांटी थी संपत्ति
इसके साथ ही उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया कि उनके पति और पूर्व सीएम राजशेखर रेड्डी ने अपने जीवित रहते हुए अपनी संपत्ति अपने बच्चों में बांट दी थी। उन्होंने लिखा, "हालांकि, वाईएसआर ने जीवित रहते हुए कुछ संपत्ति शर्मिला के नाम और कुछ जगन के नाम पर कर दी थी। असल में यह संपत्ति का बंटवारा नहीं, सिर्फ उनका आवंटन था। सभी संपत्तियां संयुक्त रूप से परिवार की हैं।" उन्होंने लिखा, “2009 में वाईएसआर की मौत के बाद जगन और शर्मिला 2019 तक साथ रहे। जगन ने अपने समझौते के अनुसार शर्मिला को अपने हिस्से में से 200 करोड़ रुपये दिए। एमओयू के अनुसार जगन को 60% और शर्मिला को 40% मिलना था। हालांकि, MoU से पहले वे बराबर का लाभ बांटते थे।”
दोनों भाई-बहनों के बीच हुआ था MoU
बता दें कि पिता की मृत्यु के बाद दोनों भाई-बहनों ने 2019 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत जगन को 'प्रेम और स्नेह के कारण' सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज में अपने और अपनी पत्नी के शेयरों को उपहार विलेख के माध्यम से अपनी बहन को हस्तांतरित करना था, जो लंबित मामलों के परिणाम के अधीन था। हालांकि, जगन ने समझौता ज्ञापन को रद्द करने का इरादा जताते हुए इस साल सितंबर में NCLT (राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण) का दरवाजा खटखटाया। जगन ने शर्मिला पर अपने और अपनी पत्नी भारती के स्वामित्व वाली कंपनी के शेयरों को अवैध रूप से अपने और अपनी मां विजयम्मा के नाम पर स्थानांतरित करने का आरोप लगाया है।