Hindi Newsदेश न्यूज़Pranab Mukherjee daughter Sharmistha Mukherjee takes real rot jibe at Congress no CWC

'पिता के निधन पर CWC की बैठक तक नहीं बुलाई, बुरा लगा', कांग्रेस पर भड़कीं प्रणब मुखर्जी की बेटी

  • शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सवाल किया, ‘कांग्रेस को जवाब देना होगा। मैं केवल तथ्य बता सकती हूं। लेकिन मैं बस इतना जोड़ना चाहती हूं कि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया या सरासर लापरवाही थी। इतनी पुरानी पार्टी में क्या परंपराएं हैं?’

Niteesh Kumar भाषाSun, 29 Dec 2024 07:28 PM
share Share
Follow Us on

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने रविवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस का क्षरण हो चुका है और उन्होंने पार्टी में दुखद स्थिति पर गंभीर आत्मचिंतन की आवश्यकता पर बल दिया। शर्मिष्ठा ने अफसोस जताया कि पार्टी की मौजूदा स्थिति और शीर्ष नेताओं के बीच विचारधारा की कमी के कारण कई पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता आज अलग-थलग महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई और कोई प्रस्ताव क्यों पारित नहीं किया गया। शर्मिष्ठा ने कहा कि उन्हें बुरा लगा जब उनके पिता के निधन के बाद सीडब्ल्यूसी की कोई बैठक नहीं बुलाई गई। सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।

ये भी पढ़ें:राजघाट पर बनाया जाए डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक, सिद्धू का राष्ट्रपति को पत्र
ये भी पढ़ें:कैमरा नहीं तो गांधी परिवार भी नदारद, मनमोहन सिंह के अस्थि विसर्जन पर BJP हमलावर

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सवाल किया, ‘कांग्रेस को इसके लिए जवाब देना होगा। मैं केवल तथ्य बता सकती हूं। लेकिन मैं बस इतना जोड़ना चाहती हूं कि मुझे नहीं पता कि यह जानबूझकर किया गया या सरासर लापरवाही थी। इतनी पुरानी पार्टी में क्या परंपराएं हैं?’ उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘अगर संस्थागत स्मृति का यह क्षरण हुआ है, यदि राहुल गांधी और उनके आसपास के लोग यह नहीं जानते कि कांग्रेस ने इन पूर्व स्थितियों में किस प्रकार कार्य किया, तो यह अपने आप में कांग्रेस के भीतर गंभीर और दुखद स्थिति है।’ कांग्रेस में नेहरू-गांधी परिवार के बाहर के नेताओं के योगदान को मान्यता देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के साथ क्या किया गया था।’

'मेरे पिता को लगातार निशाना बनाया गया'

प्रणब मुखर्जी की बेटी ने कहा, ‘कांग्रेस का पूरा तंत्र, यानी उसका सोशल मीडिया, इस मुद्दे पर व कुछ अन्य मुद्दों पर मुझे और मेरे पिता को लगातार निशाना बना रहा था। मेरे और मेरे पिता जैसे सबसे बड़े नेताओं में से एक के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे पता चलता है कि कांग्रेस का वास्तव में क्षरण हो चुका है।’ शर्मिष्ठा ने कहा कि कांग्रेस को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने की बजाय गंभीरता से आत्मचिंतन करना चाहिए कि मेरे जैसा व्यक्ति, जो कांग्रेस विचारधारा में कट्टर विश्वास करता था, आज पार्टी से अलग-थलग क्यों महसूस कर रहा है।

'CWC की बैठक बुलाने की जहमत नहीं उठाई'

इससे पहले, एक्स पर एक पोस्ट में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था, ‘जब बाबा का निधन हुआ, तो कांग्रेस ने शोक सभा के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता। यह पूरी तरह से बकवास है क्योंकि बाद में मुझे बाबा की डायरी से पता चला कि के आर नारायणन के निधन पर, सीडब्ल्यूसी को बुलाया गया था और शोक संदेश बाबा द्वारा ही तैयार किया गया था।’ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक की स्थापना को लेकर उठे विवाद पर शर्मिष्ठा ने कहा कि वह इस विवाद में नहीं पड़ेंगी, क्योंकि वह अब कांग्रेस का हिस्सा नहीं हैं और उन्होंने राजनीति छोड़ दी है। हालांकि, उन्होंने सिंह के लिए एक स्मारक बनाने की वकालत की और कहा कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को मरणोपरांत दिया जाना चाहिए।

'मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने की मांग उचित'

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, ‘मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहूंगी। मैं अब कांग्रेस से जुड़ी हुई नहीं हूं, मैंने राजनीति छोड़ दी है। कांग्रेस को यह स्पष्ट करने की जरूरत है कि राहुल गांधी ने क्या कहा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनाने की मांग पूरी तरह से उचित है। वह भारत में आर्थिक सुधारों के निर्माता थे, वह भारत की विकास गाथा के जनक थे, वह दो बार प्रधानमंत्री रहे। इसलिए उनके सम्मान में स्मारक बनाने की मांग पूरी तरह से उचित है। साथ ही, भारत के आम नागरिकों की ओर से मैं उनके लिए भारत रत्न की मांग करती हूं, वह इसके पूरी तरह से हकदार हैं।’ मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया।

अगला लेखऐप पर पढ़ें