अमित शाह को बर्खास्त करें पीएम मोदी, कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं; आंबेडकर विवाद पर खरगे की मांग
- कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री की टिप्पणी पर कहा कि अमित शाह को यह बताने के बजाय कि यह गलत है, प्रधानमंत्री मोदी उनका बचाव कर रहे हैं। ये लोग संविधान में विश्वास नहीं रखते।
संसद में भीमराव आंबेडकर पर की गई अमित शाह की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को जमकर निशाना साधा। खरगे ने पीएम मोदी से मांग की कि वे आज रात 12 बजे तक गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त करें। उन्हें (अमित शाह) कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है। मालूम हो कि शाह ने मंगलवार को संसद में आंबेडकर का जिक्र किया था, जिसके बाद विपक्ष आगबबूला हो गया। कांग्रेस के तमाम नेताओं ने एक वीडियो अंश जारी किया, जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं , ''अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर...। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।'' संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा है कि गृह मंत्री की बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ''कल अमित शाह ने एक बात कही जो बहुत ही निंदा करने लायक है। मुझे मजबूरन कहना पड़ रहा है कि ये लोग संविधान को नहीं मानते हैं। स्वर्ग और नर्क की बात करते हैं तो मनुस्मृति की बात करते हैं। उसमें ही लिखा है कि क्या स्वर्ग और क्या नर्क है। जिस विचारधारा को आंबेडकर नहीं मानते, स्वर्ग और नर्क की बात कही नहीं, वह बात अमित शाह ने कही। पीएम मोदी ने उन्हें डिफेंड करने के लिए छह ट्वीट्स किए। क्या जरूरत थी? अगर आप बाबा साहेब के बारे में कोई गलत बोलता है तो उन्हें कैबिनेट से निकाल देना चाहिए, लेकिन दोनों बहुत गहरे दोस्त हैं और एक-दूसरे के पाप को सपोर्ट करते हैं।''
कांग्रेस प्रमुख खरगे ने भीमराव आंबेडकर पर गृह मंत्री की टिप्पणी पर कहा कि अमित शाह को यह बताने के बजाय कि यह गलत है, प्रधानमंत्री मोदी उनका बचाव कर रहे हैं। ये लोग संविधान में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा, ''हम चाहते हैं कि अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए और पीएम मोदी को थोड़ा बहुत भी आंबेडकर को लेकर श्रद्धा है तो अमित शाह को रात 12 बजे तक बर्खास्त कर देना चाहिए। जो व्यक्ति संविधान की शपथ लेकर संसद पहुंचता है, वह उस संविधान की अपमान करता है तो उसको कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। तभी इस देश के लोग शांत रहेंगे, नहीं तो हर जगह बाबा साहेब के नारे लगाएंगे और उनके लिए जान देने तक को तैयार हैं।''
इससे पहले खरगे ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि शाह की टिप्पणी का यह मतलब था कि बाबासाहेब का नाम लेना भी गुनाह है। उन्होंने कहा, ''अमित शाह जी ने कल सदन (राज्यसभा) में जब बाबासाहेब आंबेडकर जी का नाम लेकर बयान दिया, तब मैंने हाथ उठाकर बोलने की इजाजत मांगी थी। लेकिन मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया। उस समय हम सब सहयोग की भावना से चुपचाप बैठे रहे, क्योंकि हम संविधान पर चर्चा कर रहे थे।'' राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के अनुसार, गृह मंत्री ने जिस तरह से बाबासाहेब का अपमान किया, उसे लेकर पूरे विपक्ष ने विरोध जताया है। खरगे ने आरोप लगाया कि अमित शाह और भाजपा के लोगों के दिमाग में जो 'मनुस्मृति' और आरएसएस की विचारधारा है, वह दर्शाती है कि वे बाबासाहेब के संविधान का आदर नहीं करते।