Hindi Newsदेश न्यूज़Partnership between Maldives India Government will repair Huravi with its own money

मालदीव की मदद को आगे आया भारत, अपने पैसों से 'हुरवी' की मरम्मत करेगी सरकार

  • भारतीय उच्चायोग, मालदीव के एक बयान के अनुसार, मई 2023 में MNDF को सौंपे जाने के बाद यह हुरावी का पहला पुनर्निर्माण कार्य है। इस कार्य में नियमित मरम्मत के साथ-साथ कई एडवांस सुविधाओं को जोड़ा जाएगा।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 14 Nov 2024 12:41 AM
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भारत और मालदीव के रक्षा संबंधों में एक अहम मोड़ आने वाला है। मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) का कोस्ट गार्ड शिप 'हुरवी' भारतीय नौसेना के मुंबई डॉकयार्ड पहुंच गया है। मालदीव की राजधानी माले से मुंबई के इस सफर में भारतीय नौसेना के जहाज 'तलवार' ने हुरावी को सुरक्षा प्रदान की। यह एक गश्ती जहाज है जिसे कुछ साल पहले मालदीव को भारत ने उपहार में दिया था और सुधार के अधीन इसे मरम्मत के लिए भारत लाया गया है।

भारतीय उच्चायोग, मालदीव के एक बयान के अनुसार, मई 2023 में MNDF को सौंपे जाने के बाद यह हुरावी का पहला पुनर्निर्माण कार्य है। इस कार्य में नियमित मरम्मत के साथ-साथ कई एडवांस सुविधाओं को जोड़ा जाएगा, जो इस जहाज की क्षमता को बढ़ाएगा और इसके कार्यकाल को भी लंबा करेगा।

अनुमानित $4 मिलियन के इस पुनर्निर्माण कार्य का खर्च भारत सरकार उठाएगी, जो भारत की अपने समुद्री पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस निर्णय की घोषणा हाल ही में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के 6 से 10 अक्टूबर के भारत दौरे के दौरान की गई थी।

भारत और मालदीव के बीच यह सहयोग भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और 'सागर दृष्टिकोण' (Security and Growth for All in the Region) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास को मजबूत करना है। हुरावी के पुनर्निर्माण और उन्नति से मालदीव के कोस्ट गार्ड की संचालन क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे देश की समुद्री सुरक्षा संरचना को बल मिलेगा।

इस सहयोग से भारत का मालदीव में क्षमता निर्माण की दिशा में योगदान और भी गहरा होता है। विशेष रूप से, 20 अक्टूबर को मुइज्जू ने मालदीव में भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) प्रणाली को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया। यह पहल भारत द्वारा डिजिटल और वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में अपना अनुभव साझा करने और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) को विकसित करने में सहायता करने के समझौते के तहत की गई है, जो कि मुइज्जू के अक्टूबर माह के भारत दौरे में ही तय हुई थी।

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