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संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक; अडानी मामले पर चर्चा के लिए अड़ी कांग्रेस, हंगामे के आसार

  • शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि वे अडानी पर लगे आरोपों का मुद्दा संसद में उठाएंगे।

Niteesh Kumar भाषाSun, 24 Nov 2024 01:30 PM
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संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसमें कांग्रेस ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की। विपक्षी दल ने मणिपुर मुद्दे, उत्तर भारत में प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की मांग की। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि उनकी पार्टी ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की अनुमति देने का सरकार से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया जाए। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है। कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने के वास्ते नेताओं और नौकरशाहों को 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का कथित तौर पर भुगतान किया।

अमेरिकी अभियोजकों ने अरबपति गौतम अडानी पर अनुकूल सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस उत्तर भारत में गंभीर वायु प्रदूषण, नियंत्रण से बाहर हुई मणिपुर की स्थिति और रेल दुर्घटनाओं जैसे मुद्दों पर भी चर्चा चाहती है। यह बैठक संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुलाई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और गौरव गोगोई के अलावा टी शिवा, हरसिमरत कौर बादल और अनुप्रिया पटेल शामिल हुए।

वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 बिल सूचीबद्ध

शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि वे अडानी पर लगे आरोपों का मुद्दा संसद में उठाएंगे। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग की है। बैठक में संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 26 नवंबर को संविधान सदन (पुराने संसद भवन) के केंद्रीय कक्ष में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर भी चर्चा होने की संभावना है। लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।

जगदंबिका पाल पर बैठकों में बाधा डालने का आरोप

समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष और भाजपा के सांसद जगदंबिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है। वर्ष 2024-25 के लिए ‘अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच’ पर प्रस्तुति, चर्चा और मतदान को भी सूचीबद्ध किया गया है। सरकार की ओर से सूचीबद्ध अन्य विधेयक पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक है। इसके अलावा, तटीय नौवहन विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित 8 विधेयक लोकसभा में लंबित हैं और 2 अन्य विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं।

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