Hindi Newsदेश न्यूज़Parliament building to Airport made on Waqf Board land claims AIUDF Chief Badruddin Ajmal

संसद, दिल्ली एयरपोर्ट और कई पॉश इलाके वक्फ की जमीन पर, बदरुद्दीन अजमल के दावे से विवाद

बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का इलाका वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बना है। इसमें नया संसद भवन भी शामिल है।

Pramod Praveen एएनआई, नई दिल्लीThu, 17 Oct 2024 10:13 AM
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ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) चीफ और पूर्व सांसद बदरुद्दीन अजमल ने बुधवार को एक सनसनीखेज दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बनी संसद और उसके आसपास के इलाके की बिल्डिंग वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बने हैं। बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए अजमल ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का इलाका वक्फ की संपत्ति पर बना है। उन्होंने दावा किया कि सरकार वक्फ बोर्ड की 9.7 लाख बीघा जमीन हड़पना चाहती है। उन्होंने वक्फ की जमीन मुस्लिम समाज को सौंपने की भी मांग की है।

पूर्व सांसद अजमल ने वक्फ बिल का विरोध किया है और कहा, "इस बारे में आवाजें उठ रही हैं और दुनिया भर में वक्फ संपत्तियों की सूची सामने आ रही है। संसद भवन, उसके आसपास के इलाके और वसंत विहार से लेकर एयरपोर्ट तक का पूरा इलाका वक्फ की संपत्ति पर बना है। लोगों का यह भी कहना है कि एयरपोर्ट वक्फ की संपत्ति पर बना है।"

उन्होंने आगे कहा, "बिना अनुमति के वक्फ की जमीन का इस्तेमाल करना गलत है। वक्फ बोर्ड के इस मुद्दे पर वे (मोदी सरकार) बहुत जल्द अपनी सरकार खो देंगे।" इस बीच, विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान संसदीय आचार संहिता के घोर उल्लंघन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।

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इस पत्र में विपक्षी सांसदों ने 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित JPC की बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल द्वारा संसदीय आचार संहिता और प्रक्रिया के नियमों के कई उल्लंघनों का आरोप लगाया है। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में विपक्षी सांसदों ने कहा, "समिति की कार्यवाही अध्यक्ष जगदंबिका पाल द्वारा पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित की गई। अध्यक्ष द्वारा अनवर मणिप्पाडी को समिति के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए दिया गया निमंत्रण समिति के दायरे और अधिकार क्षेत्र में नहीं है।"

विपक्षी सांसदों ने यह भी दावा किया कि "कर्नाटक वक्फ घोटाला रिपोर्ट 2012 पर आधारित वक्फ विधेयक 2012 पर प्रस्तुति" शीर्षक वाले नोट में वक्फ विधेयक पर कोई टिप्पणी नहीं थी, बल्कि इसमें मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ केवल राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप थे।

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