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गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट और बाथरूम में नहीं लगा कोई दरवाजा नहीं, भड़का शिक्षा विभाग

  • केजीबीवी केंद्र सरकार द्वारा संचालित और सरकारी पैसों से चलने वाला स्कू है। इसमें वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 6, 7 और 8 की 120 छात्राएं पढ़ती हैं।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, कोप्पलWed, 5 Feb 2025 06:07 PM
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गर्ल्स हॉस्टल के टॉयलेट और बाथरूम में नहीं लगा कोई दरवाजा नहीं, भड़का शिक्षा विभाग

कर्नाटक के कोप्पल जिले के बेटगेरी में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) के गर्ल्स हॉस्टल को लेकर चौंकाने वाला मामला सामने आया है। विद्यालय के टॉयलेट और बाथरूम बिना दरवाजों के पाए गए, जिसके चलते सुरक्षा नियमों के उल्लंघन और सरकारी अनुदानों के दुरुपयोग के आरोपों में विद्यालय की प्रभारी शिक्षिका कस्तूरी बडिगेर के खिलाफ निलंबन का आदेश जारी किया गया है।

जांच में मिली खामियां

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, समग्र शिक्षा विभाग के सहायक समन्वयक एच. अंजीणप्पा ने 16 जनवरी को विद्यालय का निरीक्षण किया। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कोप्पल तालुक के उप-निदेशक (डीडीपीआई) श्रीशैल बिरदार ने 20 जनवरी को कस्तूरी बडिगेर को निलंबित करने का आदेश दिया। हालांकि, आदेश पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।

विद्यालय और छात्रावास की स्थिति

केजीबीवी केंद्र सरकार द्वारा संचालित और सरकारी पैसों से चलने वाला स्कू है। इसमें वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 6, 7 और 8 की 120 छात्राएं पढ़ती हैं। विद्यालय और हॉस्टल की इमारतें पास-पास स्थित हैं। डीडीपीआई के अनुसार, निरीक्षण के दौरान हॉस्टल के टॉयलेट और बाथरूम में दरवाजे नहीं थे। खिड़कियों में जाली भी नहीं थी, जिससे छात्राओं को मच्छरों के काटने से स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा था।

अनुदानों का दुरुपयोग और अनियमितताएं

डीडीपीआई ने बताया कि विद्यालय की प्रभारी शिक्षिका ने राज्य कार्यालय से प्राप्त अनुदानों का सही दस्तावेजीकरण नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रावास की छात्राओं को वितरित की जाने वाली वस्तुएं जैसे नारियल तेल, नोटबुक और ट्रैकसूट पूरी तरह से नहीं बांटे गए। जांच रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि छात्रावास में नल का बिना शुद्ध किया हुआ पानी उपयोग हो रहा था, जिसे भोजन पकाने में भी इस्तेमाल किया जा रहा था।

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नियमों का उल्लंघन

डीडीपीआई ने शिक्षिका पर कर्नाटक सिविल सेवा आचरण नियम, 2021 के उल्लंघन का आरोप लगाया है। छात्राओं के लिए उपलब्ध सुविधाओं में अनियमितता और सरकारी धन के सही उपयोग में विफलता के कारण यह कार्रवाई की गई है। हालांकि, 20 जनवरी को जारी निलंबन आदेश को अब तक लागू नहीं किया गया है। विद्यालय और छात्रावास की स्थितियों को देखते हुए प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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