Hindi Newsदेश न्यूज़Mysterious bald virus in nagpur 250 people bald in 3 days ICMR team begins investigation

नागपुर में फैले 'गंजा वायरस' की गुत्थी अभी भी अनसुलझी, ICMR वैज्ञानिकों ने शुरू की जांच

  • नागपुर के 11 गांवों में फैले ‘गंजा वायरस’ की गुत्थी अभी भी अनसुलझी बनी हुई है। 250 लोग गंजे हो चुके हैं और 600 लोगों में लक्षण सामने आए हैं। अब जांच के लिए आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने इलाके में डेरा डाल दिया है।

Gaurav Kala प्रदीप कुमार, हिन्दुस्तान टाइम्सWed, 15 Jan 2025 05:45 PM
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नागपुर के बुलढाणा जिले के 11 गावों में लोगों के अचानक बड़े पैमाने पर गंजे होने का रहस्य अभी भी अनसुलझा बना हुआ है। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली और चेन्नई में आईसीएमआर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने स्थिति की जांच करने के लिए शेगांव में डेरा डाल दिया है। ऐसी जानकारी है कि जांच टीम में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और एलोपैथी के विशेषज्ञ शामिल हैं। 250 लोग गंजे हो चुके हैं और 600 अन्य में लक्षण सामने आए हैं। लोग तीन दिन में पूरी तरह से गंजे हो रहे हैं।

नागपुर के शेगांव में फैली इस रहस्यमयी बीमारी को लोग गंजा वायरस कह रहे हैं। इसने गांव के 250 से अधिक लोगों को गंजा कर दिया है। बुलढाणा जिले के शेगांव तालुका के 11 गांवों में कम से कम 600 अन्य लोगों में इसके लक्षण सामने आए हैं। प्रभावित गांवों में पाहुरजिरा, कलवाड, कथोरा, भोंगांव, बोंडगांव, हिंगना, भोटा और पाहुर पूर्णा शामिल हैं।

इस 'गंजा वायरस' के लक्षण

इस अनोखी और रहस्यमयी बीमारी में पहले सिर की त्वचा पर खुजली होती है। इसके बाद तेजी से और गंभीर रूप से बाल झड़ने लगते हैं। कथित तौर पर कुछ व्यक्तियों के केवल तीन दिनों के भीतर ही सारे बाल झड़ गए। पीड़ितों में पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जिससे स्थानीय आबादी बेहद चिंतित है और सरकार से जवाब मांग रही है।

सरकार क्या कर रही

अधिकारियों ने इस प्रकोप के कारण का पता लगाने के लिए तेजी से उपाय शुरू कर दिए हैं। इलाके के पानी और अन्य संभावित चीजों के नमूने एकत्र किए गए हैं। कारण के बारे में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें जल प्रदूषण, फंगल इंफेक्शन, कुपोषण, या रसायनों या सौंदर्य प्रसाधनों के प्रति एलर्जी भी बताई जा रही है।

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14 जनवरी को शेगांव पहुंची आईसीएमआर टीम में डॉ. मनोज मुरहेकर (आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी, चेन्नई), डॉ. सोमेश गुप्ता (एम्स, नई दिल्ली), डॉ. सुमित अग्रवाल (आईसीएमआर, नई दिल्ली), डॉ. शीला गोडबोले (आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी, पुणे), डॉ. राज तिवारी (आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन एनवायर्नमेंटल हेल्थ, भोपाल) और डॉ. सुचित कांबले (आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशनल वायरोलॉजी, पुणे) जैसे प्रसिद्ध विशेषज्ञ शामिल हैं।

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