खून से लथपथ बाप करता रहा मिन्नतें, बेटे ने मां जैसे उन्हें भी मारा; डरा देगी नागपुर की यह घटना
- घटना 26 दिसंबर की बताई जा रही है। बुधवार को इस वारदात का पता लोगों को तब चला जब शव गलने की बदबू घर से आ रही थी। इतना ही नहीं दरिंदे बेटे ने पिता के नाम से फर्जी सुसाइड नोट भी तैयार कर लिया था।
नागपुर के न्यू खसाला इलाके के रहवासी सैकड़ों कमी दूर लखनऊ के अरशद का केस अखबार में पढ़ रहे होंगे। उन्हें शायद ही अंदाजा होगा कि ऐसी ही एक घटना उनके पड़ोस में भी घट सकती है। यहां रहने वाले ढकोले परिवार का अंत उसी के चिराग ने कर दिया। कहा जा रहा है कि बेटे के हमले से खून में लथपथ हुआ पिता मिन्नतें कर रहा था, लेकिन मां को पहले ही मार चुके दरिंदे बेटे ने पिता को भी चाकू से गोद कर खत्म कर दिया।
काम्पटी रोड के पास न्यू खसाला पर ढकोले परिवार रहता था। इसमें 21 साल का बेटा उत्कर्ष, पिता लीलाधर, मां अरुणा और एक बेटी थी। दोनों ही बच्चे कॉलेज में थे। उत्कर्ष ने अपने पिता और मां की हत्या कर दी। कहा जा रहा है कि इंजीनियरिंग का छात्र उत्कर्ष इस बात से खफा था कि तीन बार फिजिक्स की परीक्षा में फेल होने के बाद उसे ITI करने के लिए कह दिया गया था।
घटना 26 दिसंबर की बताई जा रही है। बुधवार को इस वारदात का पता लोगों को तब चला जब शव गलने की बदबू घर से आ रही थी। इतना ही नहीं दरिंदे बेटे ने पिता के नाम से फर्जी सुसाइड नोट भी तैयार कर लिया था।
वजह
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि कोराडी थर्मल पावर स्टेशन में काम करने वाले लीलाधर ने बेटे को 25 दिसंबर को थप्पड़ मार दिया था। उन्होंने बेटे से इंजीनियरिंग छोड़कर पैतृक गांव बैलवाड़ा जाने कहा। साथ ही ITI में दाखिला लेने और खेती करने के लिए भी कहा। दरअसल, वह तीन साल से फिजिक्स की परीक्षा में फेल हो रहा था।
इधर, पेशे से शैक्षिक अरुणा भी लगातार बेटे से इंजीनियरिंग छोड़ने के लिए कह रही थीं।
वारदात का दिन
26 दिसंबर की बात है, उत्कर्ष के पिता किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गए थे और बेटी कॉलेज में थी। घर पर अरुणा और उत्कर्ष ही थे। तब उत्कर्ष ने मां की हत्या की और शव को बिस्तर पर डाल दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, अरुणा की हत्या के बाद वह शव के पास ही बैठा रहा और जब 2 घंटे बाद पिता घर लौटे तो उत्कर्ष ने उनपर भी बाथरूम में जाने के दौरान हमला कर दिया। पुलिस सूत्रों ने अखबार को बताया कि चाकू लगने के बाद लीलाधर अपने बेटे शांत करने और मामला सुलझाने की कोशिश करते रहे और उन्होंने मां अरुणा को भी बुलाने के लिए कहा। तब उत्कर्ष ने बताया कि उसने मां का कत्ल कर दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्कर्ष ने अपने घायल पिता से पूछा कि क्या वह अब भी उसे इंजीनियरिंग छोड़ने के लिए कहेंगे, तो लीलाधर ने कहा कि वह ऐसा करना जारी रखेंगे। इतना सुनते ही बेटे ने पिता पर हमला करना शुरू कर दिया। हत्या के बाद उत्कर्ष ने पिता ने फोन पर सुसाइड नोट लिखा और वॉलपेपर बना दिया।
बहन को बोला झूठ
खबर है कि उत्कर्ष ने कॉलेज से लौट रही बहन को रास्ते से लिया और झूठ बोल दिया कि माता-पिता 10 दिन के मेडिटेश कैंप में बेंगलुरु गए हैं। इसके बाद दोनों बैलवाड़ा चले गए। गुरुवार को पड़ोसियों ने बदबू की शिकायत के लिए उत्कर्ष से संपर्क किया और बाद में दरवाजा तोड़ा गया। पड़ोसियों ने पाया कि लीलाधर ड्राइंग रूम और अरुणा का शव बेडरूम में पड़ा हुआ है।