Hindi Newsदेश न्यूज़Mumbai Terror attack accused Tahawwur Rana moves US top court extradition to India

कब तक बचेगा 26/11 आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा! प्रत्यर्पण रोकने के लिए मार रहा हाथ-पैर

  • पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा ने अब प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने को लेकर भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 22 Nov 2024 08:17 AM
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मुंबई में 26/11 आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा भारत में प्रत्यर्पण से बचने के लिए हाथ-पैर मार रहा है। वह सभी निचली अदालतों में अपनी कानूनी लड़ाई हार गया है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा ने अब प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में शामिल होने को लेकर भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है। निचली और कई संघीय अदालतों में हार के बाद राणा आखिरी बार सैन फ्रांसिस्को स्थित अमेरिकी अपील न्यायालय पहुंचा है। 23 सितंबर को सर्किट कोर्ट ने दूसरी अदालतों के फैसलों पर रोक लगाने की उसकी याचिका खारिज कर दी थी, जिन्होंने उसे भारत भेजने के कदम को मंजूरी दी थी।

तहव्वुर राणा ने 13 नवंबर को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की। उसके पास भारत प्रत्यर्पित न होने का यह आखिरी कानूनी मौका है। राणा ने तर्क दिया, 'इलिनोइस के उत्तरी जिले में संघीय अदालत में उस पर मुकदमा चलाया गया था और बरी कर दिया गया। भारत अब समान आचरण के आधार पर आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पण चाहता है। अगर मानक लागू होता है, तो उसे उसी आचरण के लिए दूसरी बार मुकदमा चलाने के लिए भारत भेजना गलत होगा।' हालांकि, राणा के ये तर्क काफी कमजोर मालूम होते हैं और सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के आसार कम ही हैं।

'आतंकवादी अपने घरों में भी असुरक्षित'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों आतंकवाद पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि आतंकवादी अपने घरों में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि पिछली सरकारों के समय आतंकवाद के कारण लोग असुरक्षित महसूस करते थे। दिल्ली में ‘एचटी लीडरशिप समिट’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि समय बदल गया है। उन्होंने कार्यक्रम में आयोजित एक प्रदर्शनी में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले पर रिपोर्ट देखीं। उन्होंने कहा, ‘उस समय आतंकवाद के कारण भारत के लोग असुरक्षित महसूस करते थे। अब समय बदल गया है और अब आतंकवादी अपने घरों में भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं।’

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