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बाबासाहेब आंबेडकर की वजह से महाराष्ट्र का हिस्सा है मुंबई, राज ठाकरे ने बताई कहानी

  • राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के निर्माण में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की बड़ी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने मुंबई को महाराष्ट्र में रखने का पुरजोर समर्थन किया था।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानTue, 15 April 2025 11:36 AM
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बाबासाहेब आंबेडकर की वजह से महाराष्ट्र का हिस्सा है मुंबई, राज ठाकरे ने बताई कहानी

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के निर्माण में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि मुंबई को लेकर भी उन्होंने स्पष्ट लहजे में कह दिया था कि अन्य भाषा बोलने वालों के आने की वजह से मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं रखा जा सकता। मुंबई मराठी भाषियों की है और यह महाराष्ट्र में ही रहनी चाहिए।

राज ठाकरे ने सोमवार को महाराष्ट्र के निर्माण में बी.आर. आंबेडकर के योगदान को याद किया और बताया कि कैसे मुंबई में उनका निवास संयुक्त महाराष्ट्र समिति का बैठक केंद्र बन गया।

आंबेडकर की जयंती पर एक पोस्ट में ठाकरे ने कहा कि यह याद रखना जरूरी है कि कैसे उन्होंने उस समय एकीकृत महाराष्ट्र (संयुक्त महाराष्ट्र चलवल) के संघर्ष का समर्थन किया था। एमएनएस प्रमुख ने कहा कि यह याद रखना जरूरी है कि उन्होंने मुंबई सहित एकीकृत महाराष्ट्र न होने के लिए दिए जा रहे सभी तर्कों का किस तरह जवाब दिया था।

उन्होंने कहा, संयुक्त महाराष्ट्र के संघर्ष के प्रारंभिक दौर में, कॉमरेड डांगे, एस.एम. जोशी, आचार्य अत्रे और संयुक्त महाराष्ट्र समिति के अन्य नेताओं ने दिल्ली में आंबेडकर से उनके निवास पर मुलाकात की थी और संघर्ष में उनका और उनके अनुयायियों का सहयोग मांगा था। ठाकरे ने कहा कि उस समय बाबासाहेब ने यह भी कहा था कि 'मेरा अनुसूचित जाति महासंघ जिब्राल्टर की चट्टान की तरह संयुक्त महाराष्ट्र समिति के साथ खड़ा रहेगा।'

मनसे नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “वह यहीं नहीं रुके। मुंबई में उनका निवास ‘राजगृह’ संयुक्त महाराष्ट्र समिति की बैठकों का केंद्र बन गया। मेरे दादा प्रबोधनकार ठाकरे भी इन बैठकों में मौजूद रहते थे।” उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर 1948 को धर कमीशन के सामने उन्होंने मराठी भाषियों के लिए अलग राज्य का समर्थन किया। उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई महाराष्ट्र का ही हिससा है। जब कहा गया कि हिंदू और मुस्लिमों की मूल पहचान इसलिए नहीं मिटाई जा सकी क्योंकि मुसलमानों ने भारत और हिंदुओं पर हमला किया। मुंबई की मुख्य पहचान मुंबई भाषी हैं और इसे बदला नहीं जा सकता।