मनमोहन सिंह PM रहते कभी नहीं गए पाकिस्तान, पर आतंक पर ढिलाई के लगते रहे आरोप
- डॉ. मनमोहन सिंह ने हमेशा बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता दी। उनका मानना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों को संवाद के रास्ते पर चलना होगा।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने यह जानकारी दी। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जन्मे मनमोहन सिंह कभी भी आधिकारिक या व्यक्तिगत दौरे पर पाकिस्तान नहीं गए। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अपने सरल और विद्वतापूर्ण व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने पूरे कार्यकाल में कभी पाकिस्तान का दौरा नहीं किया। उनके शासनकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन 10 साल तक प्रधानमंत्री रहने के बावजूद डॉ. सिंह ने यह कदम नहीं उठाया। हालांकि उनके राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें निशाना बनाया और आतंकवाद के प्रति उनकी नीति को लेकर सवाल उठाए।
पाकिस्तान दौरे की संभावना और सीमाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि डॉ. मनमोहन सिंह के पाकिस्तान न जाने के पीछे मुख्य कारण दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव और सीमा पार से होने वाला आतंकवाद था। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए। इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका सामने आई थी, जिसने भारत की जनता और सरकार में आक्रोश पैदा कर दिया।
आतंकवाद पर ढिलाई के आरोप
डॉ. सिंह की सरकार को कई बार विपक्ष से यह सुनना पड़ा कि उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त सख्ती नहीं दिखाई। मुंबई हमलों के बाद सरकार पर यह आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान पर कड़ा दबाव बनाने में वह विफल रही। विपक्ष का कहना था कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी गतिविधियों के बावजूद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया। विशेष रूप से, 2007 में समझौता एक्सप्रेस विस्फोट और 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन धमाके जैसे मामलों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पर सवाल खड़े किए।
डॉ. मनमोहन सिंह का दृष्टिकोण
डॉ. मनमोहन सिंह ने हमेशा बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता दी। उनका मानना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने के लिए दोनों पक्षों को संवाद के रास्ते पर चलना होगा। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार पाकिस्तान के नेताओं के साथ बातचीत की पहल की, लेकिन सीमा पार से आतंकवाद जारी रहने के कारण इन प्रयासों को अपेक्षित सफलता नहीं मिली। हालांकि डॉ. मनमोहन सिंह बतौर पीएम पाकिस्तान नहीं गए, लेकिन उनके कार्यकाल में भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उनकी कूटनीतिक नीतियों ने भारत को एक मजबूत और परिपक्व राष्ट्र के रूप में स्थापित किया।
करतारपुर कॉरिडोर से की थी पाक यात्रा
हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साल 2019 में पाकिस्तान गए थे। मनमोहन सिंह करतारपुर गलियारे (Kartarpur Corridor) के रास्ते पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब गए थे। वह सीमा पार मार्ग से भारतीय तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे में शामिल होकर यहां पहुंचे थे।