Hindi Newsदेश न्यूज़Manmohan singh funeral family had no place to sit Another attack by Congress

परिवार को बैठने की जगह नहीं थी; मनमोहन के अंतिम संस्कार पर कांग्रेस का एक और हमला

  • Manmohan singh: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस की तरफ से पहले निगमघाट में अंतिम संस्कार कराने को पूर्व पीएम के अपमान से जोड़ दिया गया। अब पार्टी ने आरोप लगाया है कि अंतिम संस्कार के दौरान भारी कुप्रबंधन था।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानSat, 28 Dec 2024 11:21 PM
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पूर्व प्रधानमंत्री के अंतिम संस्कार को निगमघाट में कराने को अपमान करार देने वाली कांग्रेस ने सरकार पर एक और आरोप लगाया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया है कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में कुप्रबंधन और असम्मान का आलम यह था कि उनके परिजनों को ही बैठने की जगह नहीं दी गई। उनकी बेटियों के लिए भी वहां पर कोई व्यवस्था नहीं थी। कांग्रेसी नेताओं ने जाकर वहां पर उनके बैठने की व्यवस्था की।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अंतिम संस्कार स्थल पर कुप्रबंधन को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार भले ही राजकीय सम्मान के साथ हुआ हो लेकिन वहां पर जिस प्रकार से कुप्रबंधन किया गया वह बहुत ही निराशाजनक था। डॉ. सिंह के परिवार के लोगों के लिए सिर्फ तीन कुर्सियां ​​सामने की पंक्ति में रखी गईं। वहां पर पूरी जगह पर सेना के जवान खड़े हुए थे। परिवार के लोगों को खड़े रहने और बैठने के लिए जगह नही थी।

कांग्रेस प्रवक्ता ने ब्राडकास्टर के ऊपर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पूरे कार्यक्रम को दूरदर्शन को छोड़कर किसी भी समाचार एजेंसी को कवर नहीं करने दिया गया। सरकार के इस चैनल का फोकस केवल और केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह थे। पूरा फोकस इन्ही दोनों पर रखा गया। अंतिम यात्रा के साथ कई किलोमीटर पैदल चले लोगों को परिसर के अंदर ही नहीं जाने दिया गया। यही नहीं अमित शाह ने तो हद ही कर दी उनके काफिले ने शव यात्रा में रुकावट पैदा की।

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कांग्रेसी नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के अन्य सदस्यों के व्यवहार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज को डॉ सिंह की विधवा को सौंपे जाने या गार्ड ऑफ ऑनर के दौरान पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य खड़े नहीं हुए। विदेशी राजनयिकों को कहीं और बैठाया गया और वे नज़र नहीं आए। हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान भूटान के राजा खड़े हुए लेकिन प्रधानमंत्री मोदी टस से मस न हुए।

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